स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा यह दिन
उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि अयोध्या में राम जन्म स्थान पर राम मंदिर के निर्माण से वस्तुत: सत्य, नैतिकता तथा पुरुषोत्तम श्रीराम के दिव्य जीवन चरित्र की सर्वोच्च मानवीय मर्यादाओं की पुनप्र्रतिष्ठा की जा रही है।
![]() उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू |
यह राम मंदिर हमारे सनातन और शात मूल्यों का प्रतीक बन कर हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा, यह दिन हमारे इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। नायडू ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर लिखे एक लेख में कहा कि अयोध्या के राजा के रूप में श्रीराम ने सदाचरण और मर्यादाओं के उच्चतम प्रतिमान स्थापित किए जो जन साधारण और समाज के गणमान्य नागरिकों और सभी के लिए अनुकरणीय है। उनका आचरण और उनके द्वारा स्थापित नैतिक मूल्य आज भी भारत की मौलिक चेतना के अभिन्न अंग हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम क्षेत्र और जाति की संकीर्ण सीमाओं से ऊपर, सभी के लिए आज भी वंदनीय हैं। राम मंदिर के निर्माण की प्रासंगिकता सिर्फ धार्मिक न होकर उससे कहीं अधिक व्यापक है। यह राम मंदिर हमारे सनातन, शात मूल्यों का प्रतीक बनकर हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा।
उप राष्ट्रपति ने कहा, मैं मुकदमे के पक्षकारों, अधिवक्ताओं सहित उन सभी संबद्ध लोगों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं जिनके संकल्प और अथक प्रयासों से लंबे समय से चले आ रहे इस विवाद का शांतिपूर्ण न्यायिक समाधान निकल सका और मंदिर का निर्माण संभव हो सका।
नायडू ने कहा कि मुकदमे के पक्षकारों में से एक स्वर्गीय श्री हाशिम अंसारी के पुत्र इकबाल अंसारी भारत के उदार सांस्कृतिक मूल्यों के प्रतिनिधि है। उन्होंने सभी से बीती बातें भुला कर आगे बढ़ने का आग्रह किया है जो स्वागत योग्य है। इससे पहले नायडू ने उप राष्ट्रपति निवास पर अपने परिजनों के साथ रामायण पाठ किया और राम मंदिर निर्माण के लिए पांच लाख रुपए दान दिए।
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