अयोध्या में मिलीं कलाकृतियों को संरक्षित करने की मांग वाली याचिकाएं खारिज

Last Updated 20 Jul 2020 05:07:18 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिनमें अयोध्या में विवादास्पद स्थल से मिलीं सभी कलाकृतियों को संरक्षित करने की मांग की गई थी। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं में से दो पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगा दिया।


न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने याचिका की सीबीआई जांच करवाने की चेतावनी भी दी और इसे अयोध्या मसले पर शीर्ष अदालत के फैसले को धूमिल करने का प्रयास करार दिया, जिसके अंतर्गत कोर्ट ने विवादास्पद भूमि हिंदूओं को और एक वैकल्पिक पांच एकड़ की जमीन मुस्लिमों को देने का फैसला सुनाया था।

कथित तौर पर राम जन्मभूमि स्थल पर राम मंदिर की आधारशिला अगले महीने रखी जाएगी।

याचिकाकर्ता बरामद कलाकृतियों के संरक्षण और यह कार्य भारतीय पुरातत्व संरक्षण के तत्वाधान में करवाने के लिए शीर्ष अदालत पहुंचे थे।

याचिकाकर्ताओं में से एक वकील ने कहा कि खुदाई के दौरान प्राप्त कलाकृतियों को संरक्षित किया जाना चाहिए, क्योंकि रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने भी स्वीकार किया है कि क्षेत्र में कई कलाकृतियां हैं, जिसे संरक्षित करने की जरूरत है।

इसपर न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "आप अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट के समक्ष क्यों आए हो?"

न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं से इस तरह की तुच्छ याचिकाओं को दाखिल करने पर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि आप कहना चाह रहे हैं कि क्या अयोध्या मामले में अदालत के फैसले को कोई नहीं मान रहा है और कोई इसपर कार्रवाई नहीं करेगा।

केंद्र की तरफ से पेश सॉलिस्टिर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोर्ट को इसके लिए जुर्माना लगाना चाहिए।

याचिकाओं को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति मिश्रा ने याचिकाकर्ताओं को एक माह के अंदर एक लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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