राज्यों के हालात पर चुनाव आयोग ने मांगी रिपोर्ट, फिर होगा इलेक्शन का फैसला

Last Updated 01 Jul 2020 10:47:33 PM IST

भारतीय निर्वाचन आयोग ने उन राज्यों के चुनाव अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जहां आगामी समय में विधानसभा चुनाव या उपचुनाव होने हैं।


भारतीय निर्वाचन आयोग

चुनाव आयोग ने राज्यों के हालात की समीक्षा करने के लिए यह रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने बुधवार को आईएएनएस से इसकी पुष्टि की। चुनाव आयोग ने बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रदेशों के राज्य निर्वाचन आयुक्तों को पत्र लिखकर पूछा है कि राज्य के हालात कैसे हैं, कोरोना वायरस की चुनौती के बीच किस तरह से चुनाव कराए जा सकते हैं। बूथों पर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन से जुड़े सुझावों के साथ यह रिपोर्ट तलब हुई है।

चुनाव आयोग से जुड़े एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "संबंधित राज्यों के चुनाव अधिकारियों से राज्य के हालात पर रिपोर्ट मांगी गई है। राज्यों की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद चुनाव आयोग इस मसले पर फैसला करेगा। हालांकि, अभी राज्यों के चुनाव व उपचुनाव होने में कुछ महीने हैं। तब तक स्थितियां कुछ और बेहतर हो सकतीं हैं। लेकिन आयोग इस मसले पर प्रो-एक्टिव है।"

चुनाव आयोग के अधिकारी ने आगे आईएएनएस से कहा, "आयोग, स्वास्थ्य मंत्रालय से लेकर संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य विभाग के साथ बैठकर ही चुनाव कार्यक्रम पर फैसला करेगा। केंद्र और राज्य सरकारों की सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए चुनाव कराने की रणनीति होगी।"

बता दें कि बिहार में नवंबर में 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव संभावित हैं। उससे पहले बिहार और गुजरात में खाली हुई विधानसभा सीटों का उपचुनाव भी होना है। मध्य प्रदेश में मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, वहीं दो विधायकों का निधन हो चुका है। इसी तरह से गुजरात में भी राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से आठ सीटों खाली हैं। छह महीने के अंदर चुनाव कराना जरूरी है। ऐसे में दोनों राज्यों में सितंबर तक उपचुनाव कराने की संभावना है। लेकिन कोरोना वायरस की चुनौती के कारण चुनावों को लेकर अटकलें लग रहीं हैं कि आयोग समय से ही इलेक्शन कराने में सफल होगा या फिर तिथि आगे बढ़ाई जाएगी।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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