कोरोना वायरस का 8 से रैपिड टेस्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की सलाह पर बुधवार से कोरोना वायरस की एंटीबॉडी आधारित त्वरित रक्त जांच शुरू करने की इजाजत दे दी है।
नई दिल्ली : मजदूरों के लिए यमुना स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में बनाया गया राहत शिविर। |
इस जांच के नतीजे 15 से 30 मिनट में ही आ जाते हैं। बुधवार तक इसकी किट आ जाएगी। इस किट के जरिए संक्रमण की जांच उन क्षेत्रों में की जाएगी जहां अधिक मामले सामने आए हैं या जहां बाहर से बड़ी संख्या में प्रवासी पहुंचे हैं। घनी आबादी वाले क्षेत्रों में भी इस विधि से संक्रमण की जांच की जाएगी। इसके अलावा सरकार ने फैसला किया है कि आयुष्मान भारत के 50 करोड़ कार्ड धारक कोरोना का निजी लैब में टेस्ट और सम्बद्ध निजी अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों और डीएम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग करके कहा है कि जिलों में क्राइसेस मैनेजमेंट सेल हर जिलों में अमल में आएं। उन्होंने राज्यों से कहा कि दवा और मेडिकल उपकरण बनाने वाली इकाईयों को लॉकडाउन से छूट है, उनके संचालन में और उनके वर्कर की अंतर्राज्यीय आवाजाही में सहयोग किया जाए।
कैबिनेट सचिव ने संक्रमण के अधिक मामले वाले डीएम व जिला अधिकारियों के अनुभव भी सुने। डीएम को पीपीई और एन 95 मास्क के किफायत के साथ इस्तेमाल की सलाह दी गई है और उन्हें बताया गया है कि जैसे-जैसे इसकी सप्लाई मिल रही है,यह राज्यों को उनके यहां मिले मामलों के अनुपात में भेजे जा रहे हैं।
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऑक्सीजन सिलेंडरों की उपलब्धता की स्थिति पर राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ बात की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि 14 राज्यों के 393 जिलों में स्वसहायता समूह से जुड़े 65 हजार वर्कर मास्क बना रहे हैं। भारत भी वैक्सीन बनाने में जुटा है लेकिन अभी सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे बड़ी सोशल वैक्सीन है। एंटी वॉडी टेस्ट के नतीजे चाहे नैगेटिव ही क्यों न आएं पर उनका आईसीएमआर अध्ययन अवश्य करेगा।
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