8 अप्रैल को PM राजनीति दलों के नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर करेंगे बात
कोरोना वायरस संकट से निपटने में विपक्षी दलों को भी साथ लेने की पहल करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आठ अप्रैल को ‘वीडियो कांफ्रेंसिंग’ के जरिये लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ संवाद करेंगे।
![]() प्रधानमंत्री 8 अप्रैल को राजनीतिक दलों के नेताओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये करेंगे संवाद |
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री आठ अप्रैल को पूर्वाह्न 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संसद के दोनों सदनों में उन दलों के नेताओं के साथ संवाद करें, जिनके संसद में पांच से अधिक सांसद हैं।
समझा जाता है कि इस बैठक में कोरोना वायरस संकट से जुड़े विभिन्न मुद्दों और देशव्यापी लॉकाडाउन पर चर्चा हो सकती है।
गौरतलब है कि 24 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रधानमंत्री का विपक्षी दलों के साथ यह पहला संवाद होगा। हालांकि, प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के मुद्दे पर दो अप्रैल को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद किया था।
बहरहाल, संसद के दोनों सदनों में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ होने वाली बैठक के समन्वय का दायित्व संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और उनके सहयोगी अर्जुन राम मेघवाल को दिया गया है। समझा जाता है कि इस बैठक में कोविड-19 एवं लॉकडाउन के विभिन्न पहलुओं पर मोदी विभिन्न दलों के नेताओं से चर्चा कर सकते हैं।
इस बैठक के लिये लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के अलावा तृणमूल कांग्रेस, बसपा, द्रमुक, बीजद, टीआरएस सहित कई अन्य दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है।
बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत पार्टी के नेता डेरेक ओ ब्रायन और सुदीप बंदोपाध्याय के शामिल होने की संभावना नहीं है।
बैठक में राजग के सहयोगी दलों नेता भी हिस्सा लेंगे। इस संवाद में सभी दलों के नेताओं को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के संबंध में विचार रखने और सुझाव देने का अवसर दिया जायेगा।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इसमे प्रधानमंत्री विभिन्न दलों के नेताओं के साथ कोविड-19 के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति पर चर्चा कर सकते हैं और उनसे सहयोग मांग सकते है।
विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों के मंडल ने दुनियाभर के विकासशील देशों के लिए आपात सहायता के पहले सेट को मंजूरी दी जिसके बाद विश्व बैंक ने कहा, ‘‘भारत में एक अरब डॉलर की आपातकालीन वित्तीय सहायता से बेहतर स्क्रींिनग, संपकरें का पता लगाने, प्रयोगशाला जांच, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण खरीदने और नये पृथक वार्ड बनाने में मदद मिलेगी।’’
दक्षिण एशिया में विश्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान के लिए 10 करोड़ डॉलर, मालदीव के लिए 73 लाख डॉलर और श्रीलंका के लिए 12.86 करोड़ डॉलर की सहायता को मंजूरी दी है।
विश्व बैंक ने यह भी कहा कि उसने वैश्विक कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से निपटने में देशों की मदद करने के लिए 15 महीने के लिहाज से 160 अरब डॉलर की आपातकालीन सहायता जारी करने की योजना को मंजूरी दी।
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