एसओएस इंडिया ने 22 राज्यों में महामारी रोकथाम टीमें बनाईं
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए एसओएस बाल ग्राम भारत (एसओएस इंडिया) ने अपने संरक्षण में पल रहे 26,000 बच्चों की सुरक्षा के लिए घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है।
![]() एसओएस बाल ग्राम भारत |
इस 22 राज्यों में चल रहीं अपनी शाखाओं में पल रहे यतीम बच्चों को महामारी से बचाने के लिए रोकथाम टीमें बनाई हैं। एसओएस इंडिया अपने दो प्रोग्रामों- फैमिली लाइक केयर प्रोग्राम (एफएलसी) और फैमिली स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम (एफएसपी) के माध्यम से इन बच्चों की देखभाल करता रहा है। महामारी की इस स्थिति में बाल ग्रामों और प्रोजेक्टों के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखने के लिए महामारी रोकथाम टीम (ईआरटी) का गठन किया है, ताकि रोकथाम के उपाय, रिपोर्ट करने का काम और इस स्थिति में उचित कदम उठाना आसान हो।
एसओएस बाल ग्राम भारत के महासचिव सुदर्शन सूची ने कहा, "एसओएस बाल ग्राम में हम खतरनाक कोरोनावायरस महामारी रोकने के लिए भारत सरकार के 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की सराहना करते हैं। हम जरूरतमंद पीड़ित परिवारों या बच्चों के लिए आवश्यक भोजन और दवाइयां खरीदने से लाचार लोगों की सहायता का सुझाव सरकार को भेजेंगे।"ं
सुदर्शन सूची ने कहा, "हम देश के सभी बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बच्चे जो माता-पिता के साथ हैं और जो माता-पिता के बिना हैं, दोनों न केवल महामारी के खतरे में हैं, बल्कि उन्हें घर पर भी अत्यधिक देखभाल की जरूरत है। एसओएस इंडिया महामारी से लड़ने की तैयारी और बचाव के लिए सुरक्षा पोशाक और आवश्यक चिकित्सा उपकरण और दवा खरीद रहा है।"
उन्होंने कहा, "एसओएस बाल ग्राम के साथ-साथ एफएसपी समुदायों के बच्चों, माताओं और सहकर्मियों की सुरक्षा के लिए हम ने देश के 22 राज्यों में अपने 32 बाल ग्रामों और आसपास निजी स्वच्छता, महामारी की रोकथाम और बच्चों की सुरक्षा के पोस्टर लगवाए और लीफलेट बंटवाए हैं।"
सूची ने कहा, "हम अपने बाल ग्रामों (सीवी) के आसपास के गांवों और हमारे एफएसपी प्रोग्रामों के तहत आने वाले समुदायों के बच्चों और परिवारों पर नजर रख रहे हैं। हम जरूरतमंद पीड़ित परिवारों या बच्चों के लिए आवश्यक भोजन और दवाइयां खरीदने से लाचार लोगों की सहायता का संदेश सरकार को भेजेंगे।"
एसओएस बाल ग्राम भारत अपनी देखरेख में बच्चों को स्वस्थ, देखभालपूर्ण और सुरक्षित माहौल देने के लिए प्रतिबद्ध है और देश से अपील करता है कि इसके मिशन को सफल बनाने के लिए हाथ बढ़ाए।
सूची ने कहा, "आज कोरोना वायरस से जंग जीतने के लिए सबसे जरूरी आर्थिक मदद सुनिश्चित करना है। दस्ताने और कीटाणुनाशक के साथ-साथ स्वच्छता के अन्य साधन और बच्चों के घर पर पढ़ने के लिए तकनीकी उपकरण और लैपटॉप समय की मांग है पर ये महंगे होते हैं। इसलिए हमें अविलंब आर्थिक योगदान चाहिए। हम देश के सभी नागरिकों और कॉरपोरेट संगठनों से अपील करते हैं कि माता-पिता की देखभाल से वंचित एसओएस इंडिया की देखरेख में पल रहे बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आर्थिक योगदान दें।"
कोविड-19 के इस संकट में एसओएस इंडिया के 32 बाल ग्रामों (सीवी) के लिए ये मार्गर्दर्शन और सुरक्षा निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि बाल ग्राम के सभी बच्चे, माता और कर्मचारी स्वस्थ और सुरक्षित रहें :
* बच्चों से उनकी अपनी मां, सह-कार्यकर्ता, रिश्तेदार और दोस्त किसी बाहरी व्यक्ति को नहीं मिलने दें।
* सीवी (और यूथ होम्स) के सभी परिवारों में एक-दूसरे से सुरक्षित सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए लगातार सभी को सचेत करें।
* 50 और 20 किमी के दायरे में कोरोनावायरस के मामले की पहचान होते ही यह सूचना उच्च अधिकारियों को दी जाए।
* सभी सीवी को आइसोलेशन वार्ड के लिए उपयुक्त कमरे तैयार रखने की सलाह दी गई है।
* सभी प्रोजेक्ट को सलाह दी जाती है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डॉक्टरों के लगातार संपर्क में रहें और सीवी परिसर में बच्चों की स्वास्थ्य जांच के लिए नियमित/लगातार डॉक्टरों के दौरे के लिए जरूरी सहयोग करार करें।
* क्या करना है और क्या नहीं करना है, इसकी पूरी लिस्ट स्थानीय भाषा में एसओएस माताओं को प्रदान करें और एसओएस घरों पर चिपकाएं जहां सीधे नजर पड़े।
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