राज्यों को तीन महीने का एडवांस अनाज देगा केंद्र

Last Updated 26 Mar 2020 12:42:31 AM IST

कैबिनेट ने राज्यों को तीन महीने का अतिरिक्त सस्ता अनाज देने का फैसला किया है ताकि राज्य सरकारें खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले राशन को लाभार्थियों को उपलब्ध करा सकें।


एहतियात : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में भी मंत्रिमंडल के सदस्य एक दूसरे से एक मीटर की दूरी बनाए हुए हैं।

सरकार में ठेकेदारी प्रणाली से काम कर रहे लोगों को भी पूरी तनख्वाह दी जाएगी।

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान किसी भी गरीब को भोजन की समस्या खड़ी न हो इसके लिए सरकार ने पीडीएस के तहत तीन महीने का अतिरिक्त राशन देने का फैसला किया है। कुछ सरकारों ने लोगों को मुफ्त राशन देने का फैसला किया है।

कुछ राज्यों ने पीडीएस के तहत राशन की सीमा प्रति व्यक्ति बढ़ा दी है। राज्यों को राशन की कमी न झेलनी पड़े इसके लिए केंद्र ने यह फैसला किया है। केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 80 करोड़ लोगों को दो रुपए किलो गेहूं, तीन रुपए किलो चावल और एक रुपए की दर से मोटा अनाज देती है। इस मद में सरकार को प्रतिवर्ष 1,80,000 करोड़ रु पए खर्च करने पड़ते हैं यह दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना है।

ग्रामीण बैंकों को पूंजी : मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने बुधवार को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में 1,340 करोड़ रुपये की पूंजी डाले जाने की योजना को भी मंजूरी दे दी।

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में पूंजी डाले जाने से उनके दिए गए कजरें पर भारांकित जोखिम की तुलना में उनका पूंजी आधार सुधरेगा। आआरबी को दी जाने वाली इस पूंजी के लिए केंद्र सरकार 670 करोड़ रुपए देगी और इनके प्रवर्तक बैंक इतनी ही राशि उपलब्ध कराएंगे।

 

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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