धार्मिक चढ़ावा कानून के तहत हो सकता है नियंत्रित

Last Updated 18 Feb 2020 06:05:11 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर चढ़ावा चढ़ाना धार्मिक परंपरा हो सकती है लेकिन इसका उपयोग आतंकवाद या कैसीनो चलाने के लिए किया जा रहा हो तो धनराशि को कानून के तहत नियंत्रित किया जा सकता है।


सुप्रीम कोर्ट

अदालत ने कहा कि मानव बलि देना और सती जैसी प्राचीन प्रथा कानून के तहत हत्या है और आवश्यक धार्मिक परपंरा के आधार पर इसे बचाया नहीं जा सकता है। 

चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे से संबंधित मुद्दों के साथ ही अलग अलग धार्मिक पंथों की आवश्यक धार्मिक परंपराओं की न्यायिक समीक्षा पर सोमवार को सुनवाई शुरू की।

संविधान पीठ धार्मिक मामलों में न्यायिक अधिकार के दायरे पर भी विचार कर रही है और उसने इस संबंध में मंदिरों में आने वाले चढ़ावे या दान देने की परपंरा का उदाहरण दिया और कहा कि यह धार्मिक परपंरा का हिस्सा है।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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