धार्मिक चढ़ावा कानून के तहत हो सकता है नियंत्रित
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि धार्मिक स्थलों पर चढ़ावा चढ़ाना धार्मिक परंपरा हो सकती है लेकिन इसका उपयोग आतंकवाद या कैसीनो चलाने के लिए किया जा रहा हो तो धनराशि को कानून के तहत नियंत्रित किया जा सकता है।
![]() सुप्रीम कोर्ट |
अदालत ने कहा कि मानव बलि देना और सती जैसी प्राचीन प्रथा कानून के तहत हत्या है और आवश्यक धार्मिक परपंरा के आधार पर इसे बचाया नहीं जा सकता है।
चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने धार्मिक स्वतंत्रता के दायरे से संबंधित मुद्दों के साथ ही अलग अलग धार्मिक पंथों की आवश्यक धार्मिक परंपराओं की न्यायिक समीक्षा पर सोमवार को सुनवाई शुरू की।
संविधान पीठ धार्मिक मामलों में न्यायिक अधिकार के दायरे पर भी विचार कर रही है और उसने इस संबंध में मंदिरों में आने वाले चढ़ावे या दान देने की परपंरा का उदाहरण दिया और कहा कि यह धार्मिक परपंरा का हिस्सा है।
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