अंदरुनी मामलों में हस्तक्षेप सहन नहीं करेगा भारत: नायडू

Last Updated 03 Feb 2020 05:12:01 PM IST

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आतंकवाद को पूरी मानवता के लिए खतरा करार देते हुए सोमवार को कहा कि भारत की अखंडता और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता तथा देश के अंदरुनी मामलों में बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर का पुनर्गठन भारत का पूरी तरह से अंदरुनी मामला है और इसमें किसी अन्य देश को हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं है। जम्मू कश्मीर के विभाजन से दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए गये हैं। इसका उद्देश्य दोनों क्षेत्रों का तेज गति से विकास करना है। उन्होंने कहा कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित और संरक्षित है। भारतीय परंपरा के मूल में ऐसे मूल्य मौजूद हैं। 
      
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा और अखंडता के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ में विश्वास करती है और समस्त विश्व को एक परिवार मानती है। भारत की विदेश नीति इसी सिद्धांत पर चलती है। भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति पूर्ण सह अस्तित्व पर भरोसा करता है।


      
श्री नायडू ने कहा कि आतंकवाद का धर्म से कोई लेना देना नहीं है और यह पूरी मानवता का शत्रु हैं। आतंक को धर्म के साथ मिलाने से समस्या पैदा होती है।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद समग्र समझौते पर अपनी वार्ता पूरी करनी चाहिए। इसका प्रस्ताव वर्ष 1996 में भारत ने पेश किया था। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी रुपों को समाप्त करना विश्व समुदाय का कर्तव्य है।

वार्ता
नयी दिल्ली


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