संसद: CAA को लेकर विपक्षी सांसदों का हंगामा
संसद के दोनों सदनों में विपक्षी सदस्यों ने आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के मुद्दे पर जमकर हंगामा किया।
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लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों ने प्रश्नकाल के दौरान सीएए और एनपीआर के मुद्दे पर भारी हंगामा किया। विपक्षी सदस्यों ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान देने का आरोप लगाते हुए वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर का भारी विरोध किया।
सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जैसे प्रश्नकाल शुरू करने को कहा, वैसे ही कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। कई सदस्यों ने ‘लोकतंत्र बचाओ’, ‘भारत बचाओ’ और ‘नो सीएए-एनआरसी-एनपीआर’ के नारे वाली तख्तियां ले रखी थीं। इस दौरान द्रमुक, सपा, बसपा और राकांपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर कांग्रेस सदस्यों का समर्थन करते नजर आए।
शोर शराबे के बीच प्रश्नकाल में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर जब पूरक प्रश्नों का उत्तर देने खड़े हुए तो कांग्रेस सदस्यों ने ‘अनुराग ठाकुर शेम शेम’ और ‘गोली मारना बंद’ करो के नारे लगाए।
उन्होंने ‘हमारा लोकतंत्र बचाओ’, ‘हमारा संविधान बचाओ’ और ‘हमारा भारत बचाओ’ के नारे भी लगाए।
वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से प्रश्नकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा, ‘‘सदन में चर्चा करने से संविधान और लोकतंत्र बचेगा। आप यहां चर्चा करने के लिये आए हैं।’’
इस दौरान एआईएमआईएम के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी भी अपने स्थान पर खड़े होकर जामिया मिलिया इस्लामिया में गोलीबारी का मुद्दा उठाते और ठाकुर को लेकर टिप्पणी करते नजर आए।
सदन में हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जब वे चर्चा करेंगे तभी संविधान और लोकतंत्र बचेगा। हंगामे के बीच ही अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में प्रश्नकाल को आगे बढ़ाया।
गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली की एक चुनावी सभा में ठाकुर ने विवादित नारा लगाया था। इस पर चुनाव आयोग ने उन्हें प्रचार से तीन दिन के लिए प्रतिबंधित कर दिया।
राज्यसभा दो बजे तक स्थगित
वहीं सीएए और एनपीआर का मुद्दा राज्यसभा में उठाने की अनुमति देने की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक सोमवार को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
उच्च सदन की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरु होने पर उपसभापति हरिवंश ने प्रश्नकाल शुरू करने के लिए कहा। इसके साथ ही तृणमूल कांग्रेस, बसपा और कांग्रेस के सदस्यों ने एनपीआर और सीएए का मुद्दा नियम 267 के तहत उठाने की अनुमति देने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नियमों के अनुसार सदन की बैठक का संचालन सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है। वह नियम 267 के तहत तत्काल महत्व के मुद्दों को उठाने की मांग कर रहे हैं। इस पर उपसभापति ने कहा कि सभापति एम वेंकैया नायडू पहले की स्पष्ट कर चुके हैं कि जिन विषयों को सदस्य उठाने की मांग कर रहे हैं, उन्हें दो बजे के बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उठाया जा सकता है।
हरिवंश ने प्रश्नकाल के अलावा किसी अन्य विषय को उठाने की अनुमति नहीं दी। इस पर तृणमूल कांग्रेस के कुछ सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। इसके बाद उपसभापति ने सदन की बैठक दो बजे तक के लिये स्थगित कर दी।
इससे पहले उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर नायडू ने सूचित किया कि उन्हें कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, माकपा के टी के रंगराज और इलामारम करीम, माकपा के विनय विम और बसपा सदस्य सतीश चंद्र मिश्र ने एनपीआर तथा सीएए पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिए हैं।
नायडू ने यह भी बताया कि भाजपा के सुब्रमण्यम स्वामी ने संबंधित मुद्दे पर चर्चा के लिए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा कि सदस्य राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपने अपने मुद्दे उठा सकते हैं, इसके लिए शून्यकाल स्थगित करना आवश्यक नहीं है।
सभापति ने कहा कि सदस्यों के समक्ष विकल्प मौजूद हैं और राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि विभिन्न मुद्दे उठाने के लिए बेहतरीन आधार है।
नायडू जब अपनी बात कह रहे थे, उसी दौरान कांग्रेस के बी के हरिप्रसाद, बसपा के सतीश चंद्र मिश्र, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, माकपा के टी के रंगराजन तथा अन्य सदस्य अपने अपने मुद्दे उठाने पर जोर देने लगे। सभापति ने कहा कि उन्होंने व्यवस्था दे दी है।
बहरहाल, सदस्यों के अपनी मांग पर अड़े रहने के कारण सभापति ने 11 बज कर करीब 15 मिनट पर सदन की बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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