बजट 2020: किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए 16 सूत्रीय फॉर्मूला
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसानों की आय दोगुनी करने, बागवानी, अनाज भंडारण, पशुपालन और नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिये 16 सूत्रीय कार्य योजना की शनिवार को घोषणा की।
![]() (प्रतीकात्मक तस्वीर) |
सीतारमण ने संसद में साल 2020-21 का बजट पेश करते हुये कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के दायरे में और 20 लाख किसानों को लाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा 15 लाख अतिरिक्त किसानों को उनके बिजली के पंपों को सौर ऊर्जा चलित बनाने में मदद की जाएगी।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री ने सभी तरह के उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल और जीरो बजट प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। वर्षा आधारित क्षेत्रों में एकीकृत खेती प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही बहुस्तरीय फसल उगाने, मधुमक्खी पालन, सौर पंपों के इस्तेमाल और सौर ऊर्जा उत्पादन को भी बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जैविक खेती से संबंधित ऑनलाइन राष्ट्रीय पोर्टल को भी मजबूत बनाया जाएगा। जल संकट की समस्या से जूझ रहे देश के 100 जिलों में इस समस्या से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किये जाएंगे।
खाद्यान्नों की बर्बादी रोकने और उनके लिए सक्षम भंडारण अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए बजट में सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से ब्लॉक स्तर पर भंडार गृह बनाये जाने का प्रस्ताव है। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम और सेन्ट्रल वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन भी अपनी भूमि पर ऐसे भंडार गृह बना सकेंगे।
उन्होंने कहा कि धन्य लक्ष्मी के रूप में महिला स्व-सहायता समूहों की भंडारण क्षेत्र में भूमिका को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दूध, मांस जैसी जल्दी खराब होने वाली वस्तुओं के लिए एक अबाधित राष्ट्रीय शीत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए भारतीय रेल पीपीपी मॉडल के जरिये किसान रेल चलाएगी। एक्सप्रेस और मालगाड़ियों में प्रशीतन कोच लगाए जाएंगे। पूर्वोत्तर और जनजातीय जिलों में कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य प्राप्त करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कृषि उड़ान योजना शुरू की जाएगी।
कृषि में पशुपालन क्षेत्र के योगदान को देखते हुए सीतारमण ने 2020 तक मवेशियों के खुर और मुंह में होने वाली बीमारी ‘ब्रूसिलोसिस’ और बकरियों को होने वाली बीमारी को पूरी खत्म करने का प्रस्ताव किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2025 तक देश में दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता 5.35 करोड़ टन से दोगुना करके 10.8 करोड़ टन कर दी जाएगी।
किसानों के रिण के लिये साल 2020-21 में 15 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और पीएम-किसान लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना के तहत लाने का प्रस्ताव है।
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