निर्भया केस: तिहाड़ के अधिकारियों ने कोर्ट से कहा, 3 दोषियों को 1 फरवरी को दी जा सकती है फांसी

Last Updated 31 Jan 2020 01:31:54 PM IST

निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना कर रहे दोषियों की याचिका को दिल्ली की अदालत में चुनौती देते हुए तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि केवल एक दोषी की ही दया याचिका लंबित है, अन्य को एक फरवरी को फांसी दी जा सकती है।


निर्भया के गुनहगार (फाइल फोटो)

दोषियों के वकील ने जेल अधिकारियों से असहमति जाहिर करते हुए कहा है कि नियमों के अनुसार जब एक दोषी की याचिका लंबित है तो अन्य को भी फांसी नहीं दी जा सकती।    

दरअसल एक फरवरी को दोषियों की तय फांसी पर स्थगन की मांग के साथ दोषियों के वकील ने बृहस्पतिवार को दिल्ली की अदालत का रुख किया था।     

जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा के समक्ष दायर स्थिति रिपोर्ट में इस याचिका का विरोध किया।     

दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर ‘अनिश्चितकालीन’ स्थगन लगाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है। विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।     

निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ‘ब्लैक वारंट’ जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया। इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी।     

अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी अपील खारिज कर दी।    

गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

भाषा
नयी दिल्ली


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