CAA: मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष पड़ा कमजोर, ममता के बाद मायावती का बैठक से किनारा

Last Updated 13 Jan 2020 09:30:31 AM IST

केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को अब दोहरा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी यहां सोमवार को कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भाग न लेने का ऐलान किया है।


कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह बैठक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने के लिए बुलाई है।

सोमवार की सुबह मायावती ने तीन ट्वीट कर बैठक से दूरी बनाने की बात कह दी। बसपा मुखिया मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस से मिले धोखे का हवाला देते हुए कहा कि बाहर से सरकार को समर्थन देने के बाद भी दो बार उनके विधायकों को तोड़ा गया।

मायावती ने ट्वीट कर कहा, "जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी इन्होंने दूसरी बार वहां के बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है यह पूर्णतया विश्वासघात है।"

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, "ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।"

मायावती ने आगे तीसरे ट्वीट में कहा, "वैसे भी बीएसपी सीएए, एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुन: अपील है कि वह इस विभाजनकारी और असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू और अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।"

बता दें कि इसके पूर्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस की इस बैठक में न जाने की बात कही थी। ममता ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से हिंसा भड़काने के कारण वह 13 जनवरी की बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगी।

सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में विपक्षी दल आज दोपहर दो बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे।

कांग्रेस ने समान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साझा मंच पर आने का आमंत्रण भेजा है।

समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नए गठबंधन साझेदार शिवसेना बैठक में शामिल हो सकते हैं।

कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को वापस लेने की मांग की है।

सीडब्ल्यूसी के इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते ही कांग्रेस शासित राज्य इस संकल्प को अपना सकते हैं।

सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को एक बैठक में एक संकल्प पारित करने के बाद कहा, "(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने देशभर के युवाओं और छात्रों की आवाज का दमन करने, वश में करने या दबाने के लिए क्रूरता अपनाई है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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