देश में कुछ लोगों को हिंदू शब्द से अलर्जी है : वेंकैया

Last Updated 12 Jan 2020 07:45:50 PM IST

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि भारत में कुछ लोगों को हिंदू शब्द से अलर्जी है। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक रूप से प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देने के लिए है।


उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू

श्री रामकृष्ण मठ द्वारा प्रकाशित तमिल मासिक श्री रामकृष्ण विजयम के शताब्दी समारोह और स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर यहां आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि भारत में कुछ लोगों को हिंदू शब्द से अलर्जी है, और यद्यपि यह ठीक नहीं है, फिर भी उन्हें इस तरह का दृष्टिकोण रखने का अधिकार है।

नायडू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का मतलब दूसरे धर्मो का अपमान नहीं है, जबकि धर्मनिरपेक्ष संस्कृति भारतीय लोकाचार का एक हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि देश ने हमेशा पीड़ित लोगों को शरण प्रदान किया है।

नायडू ने कहा कि स्वामी विवेकानंद एक सामाजिक सुधारक थे और उन्होंने पश्चिम में हिंदुत्व से परिचय कराया।

उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वह ऐसे देश से हैं, जिसने विभिन्न देशों में प्रताड़ित लोगों और शरणार्थियों को शरण दी है।



नायडू ने सीएए का जिक्र करते हुए कहा कि भारत अब प्रताड़ित लोगों को स्वीकार करने के लिए तैयार है, जबकि कुछ तत्व इसके बारे में विवाद पैदा कर रहे हैं।

आईएएनएस
चेन्नई


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