राज्यसभा ने SPG सुरक्षा विधेयक ध्वनिमत से पारित

Last Updated 03 Dec 2019 05:45:49 PM IST

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज साफ किया कि विशेष संरक्षा ग्रुप (संशोधन) विधेयक प्रधानमंत्री की सुरक्षा को अधिक चाक चौबंद बनाने के लिए लाया गया है और इसका गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा हटाने से कुछ भी लेना देना नहीं है।


केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को इस विधेयक पर राज्यसभा में लगभग दो घंटे की चर्चा के बाद अपने जवाब में कहा कि गांधी परिवार सहित देश के 130 करोड़ लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केन्द्र तथा राज्य सरकारों की है और वे इससे पीछे नहीं हटेगी।

उनके जवाब के बाद राज्यसभा ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।

सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने गृह मंत्री के जवाब के बाद कहा कि उनकी पार्टी इससे संतुष्ट नहीं है और सदन से वाकआउट कर रही है। गृह मंत्री के जवाब से असंतुष्ट वामदलों के सदस्यों ने भी वाकआउट किया।

शाह ने कहा कि वह इस सदन में मीडिया, सदन के सदस्यों और जनता में फैले इस भ्रम को दूर करना चाहते हैं कि यह विधेयक गांधी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया। गांधी परिवार के तीन सदस्यों से एसपीजी सुरक्षा हटाने का इससे कुछ भी लेना देना नहीं है। विधेयक लाने से पहले ही गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा की समीक्षा की गयी थी और समीक्षा में सामने आये खतरे के आधार पर ही उनकी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का निर्णय लिया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा हटायी नहीं गयी है बल्कि उसे बदला गया है। इन तीनों एसपीजी के बाद सबसे सर्वोच्च स्तर की जैड प्लस सुरक्षा 24 घंटे एएसएल और एंबुलेंस के साथ दी गयी है।

जब शाह चर्चा का जवाब दे रहे थे उस समय उनकी पत्नी तथा बहन और कुछ अन्य परिजन सांसदों के परिजनों की दीर्धा में बैठी थी।

उन्होंने कहा कि एसपीजी विधेयक में यह पांचवां संशोधन है और इससे पहले के चारों संशोधन केवल एक परिवार को ध्यान में रखकर किये गये थे जबकि पांचवां संशोधन किसी परिवार के लिए नहीं किया गया है बल्कि ‘हैड ऑफ स्टेट’ होने के नाते प्रधानमंत्री को ध्यान में रखकर किया गया है। एसपीजी केवल प्रधानमंत्री की व्यक्तिगत सुरक्षा नहीं करती है बल्कि उनके कार्यालय , निवास स्थान, उनकी संचार प्रणाली, पत्राचार और अन्य पहलुओं की भी सुरक्षा करती है। विधेयक में प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर फोकस किया गया है जिससे वह किसी भी तरीके से कमजोर नहीं रहे।

उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को इस विधेयक से कोई नुकसान नहीं हुआ है बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इसका सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है क्योंकि पद छोड़ने के पांच वर्ष बाद उनसे एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली जायेगी।

शाह ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब किसी की एसपीजी सुरक्षा हटायी गयी है इससे पहले सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों को मिली यह सुरक्षा हटायी गयी है। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा भी हटायी गयी तो कांग्रेस ने उस समय इतना विरोध नहीं किया।

आजाद ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री को पत्र लिखकर इसका विरोध जताया था । इस पर शाह ने कहा कि औपचारिकता और विरोध में अंतर होता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले हैं और सरकार सभी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। 

वामदलों के इस आरोप कि यह विधेयक राजनीतिक बदले की भावना से लाया गया है श्री शाह ने कहा कि वामदलों को राजनीतिक बदले की बात करने का अधिकार नहीं है क्योंकि केरल में भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 120 कार्यकर्ताओं की हत्या की गयी है। इसका वामदलों और कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया। श्री शाह ने कहा कि केरल में राजनीतिक हत्या वामदलों और कांग्रेस दोनों के शासन में हुई है और इसका खामियाजा भाजपा कार्यकर्ताओं को उठाना पड़ा है।

विधेयक में प्रावधान है कि एसपीजी सुरक्षा केवल प्रधानमंी और उनके अधिकृत आवास पर रहने वाले उनके परिजनों को ही दी जायेगी। प्रधानमंी का पद छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री और उनके साथ रहने वाले परिजनों को केवल पांच वर्ष तक एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।



कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के घर पर सुरक्षा में चूक के मामले पर श्री शाह ने कहा कि तीन सुरक्षाकर्मियों को निलंबित किया गया है और इसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह 25 नवंबर का मामला है। गृह मंत्री ने कहा कि अमूमन कांग्रेस सांसद और श्रीमती वाड्रा के भाई राहुल गांधी तथा उनके पति राबर्ट वाड्रा उनसे मिलने के लिए सीधे चले जाते हैं और उनकी गाडियों को जांच के लिए रोका नहीं जाता है। उस दिन भी सुरक्षाकर्मियों को सूचना दी गयी थी कि श्री गांधी काले रंग की टाटा सफारी में उनसे मिलने के लिए आयेंगे।
   
श्री शाह ने कहा कि उस दिन श्री गांधी के आने के समय ही एक काले रंग की टाटा सफारी प्रियंका गांधी वाड्रा के निवास के पास आयी और अंदर प्रवेश कर गयी। बाद में पता चला कि उस गाडी में कांग्रेस की मेरठ जिले की कार्यकर्ता शारदा त्यागी आयी थी। उनके साथ कुछ और लोग भी थे। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

वार्ता
नयी दिल्ली


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