संसद का शीतकालीन सत्र: मोदी बोले, हर विषय पर चर्चा को तैयार है सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले यहां कहा कि सरकार को पिछले सत्रों की तरह इस सत्र में भी सभी दलों से सहयोग मिलने की उम्मीद है।
![]() प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
प्रधानमंत्री ने सत्र शुरू होने से कुछ मिनट पहले मीडिया से कहा, "संविधान देश की एकता, अखंडता और विविधता को समेटे हुए है। पिछले दिनों सभी दलों के नेताओं से मिलने का मौका मिला, जिस तरह से पिछला सत्र सभी दलों के सहयोग से चला था, इस बार भी ऐसा ही होने की उम्मीद है।"
उन्होंने कहा, "सरकार सभी मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहती है। उच्च स्तर की चर्चाएं होनी चाहिए जिसमें सभी सांसद शामिल हों। वाद हो-विवाद हो और इसके साथ ही सदन की चर्चा को समृद्ध बनाने में सभी योगदान दें।"
उन्होंने कहा कि राज्यसभा का यह 250वां सत्र है और इस बीच 26 नवंबर को संविधान दिवस भी है, जब संविधान 70 साल का हो रहा है।
इस सत्र में नागरिकता विधेयक पेश करने की सरकार की योजना, जम्मू कश्मीर की स्थिति, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव होने की संभावना है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के अलावा इस सत्र के दौरान दो अहम अध्यादेशों को कानून में परिवर्तित कराना भी सरकार की योजना में शामिल है।
आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई और घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना और विकास को बढावा देना है।
दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जिसमें ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है।
लोकसभा चुनाव में मिले अपार जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार का यह इस कार्यकाल में दूसरा संसद सत्र है।
संसद का पहला सत्र काफी बेहतर रहा। इस सत्र के दौरान फौरी तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय बनाने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी को और अधिक शक्तियां देने जैसे कई अहम विधेयक दोनों सदनों में पारित हुए। इस दौरान जम्मू कश्मीर के विशेष दज्रे को हटाने और इसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव भी दोनों सदनों में पारित हुआ।
सोमवार से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में सरकार विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने की तैयारी में है जो भाजपा का अहम मुद्दा है। इसका लक्ष्य पड़ोसी देशों से आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता प्रदान करना है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सत्र के दौरान अपनी कार्यसूची में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है।
सरकार ने इस विधेयक को अपने पहले कार्यकाल में भी पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के चलते इसे पारित नहीं कराया जा सका। विपक्ष ने इस विधेयक की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया है।
संसद का यह शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।
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