पराली जलाने के मामले में जवाबदेही तय करने के आदेश

Last Updated 09 Oct 2019 05:47:00 PM IST

पंजाब में धान के अवशेष जलाये जाने के विरूद्ध उठाये जा रहे कदमों को निचले स्तर से प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिये प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों और संस्थाओं को शामिल करते हुये पराली जलाने के मामले में उनकी जवाबदेही तय करने का फैसला किया है।


पराली जलाने पर जवाबदेही के आदेश

धान के अवशेष जलाये जाने के विरूद्ध उठाये जा रहे कदमों को निचले स्तर से प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिये प्रदेश सरकार ने विभिन्न विभागों, बोर्ड, निगम, सहकारी सभाओं तथा स्वायत्त संस्थाओं के कर्मचारियों को इसमें शामिल करते हुये पराली जलाने के मामले में उनकी जवाबदेही तय करने का फैसला किया है।

प्रदेश सरकार ने इस मामले में निर्देश जारी करते हुये सभी कर्मचारियों से कहा है कि उनके इलाके में किसी हालत में पराली को आग नहीं लगनी चाहिये। यह जानकारी कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने आज यहां देते हुये बताया कि यदि कोई कर्मचारी इन हिदायतों की पालना नहीं करता तो उनके विरुद्ध सेवा नियमों के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी।

उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को निर्देश दिये है कि पराली जलाने से रोकने के लिए लोगों को भी जागरूक किया जाये क्योंकि यह पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। यदि कहीं पराली जलाने का कोई मामला सामने आता है तो वे तुरंत सम्बन्धित आथॉरिटी के नोटिस में लायें। 

कृषि सचिव ने बताया कि राज्य सरकार ने जिला पुलिस प्रमुखों तथा अन्य पुलिस अफसरों को भी हिदायत दी है कि वे किसानों को पराली न जलाने के लिये दबाव बनायें। सभी राजस्व पटवारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि जिस खेत में भी पराली जलाई जाती है, उसामीन की गिरदावरी में ‘रैड एंट्री’ दर्ज की जाये। 

उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को निर्देश दिये हैं कि यदि कोई नंबरदार पराली जलाने की गतिविधि में शामिल पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सम्बन्धित आथॉरिटी द्वारा नोटिस जारी किया जाये। उपायुक्तों तथा जिला पुलिस प्रमुख सम्बन्धित पक्षों के साथ संयुक्त बैठक करके पराली को आग लगाने पर पाबंदी के आदेशों को सख्ती के साथ अमल में लाएंगे।

इसी तरह पंजाब में कृषि उत्पादन मार्केट कमेटियों के साथ रजिस्र्टड आढ़तियों को भी अपने खेतों में धान की पराली को आग न लगाने के आदेश दिए गए हैं।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा भी इस ग़ैर-सेहतमंद अमल के विरुद्ध चुने हुए पंचायती नुमायंदों को प्रेरित किया जायेगा। श्री पन्नू ने बताया कि सरकारी और प्राईवेट स्कूलों के अध्यापकों और अन्य स्टाफ को भी अपने-अपने खेतों में धान की पराली न जलाने की हिदायत की गई है।



इसी तरह नहरी पटवारियों को भी आदेश दिए गए हैं कि यदि उनके सम्बन्धित इलाकों में पराली जलाने की कोई घटना घटती है तो इस सम्बन्धी अपेक्षित कार्यवाही करने के लिए सम्बन्धित जिले के डिप्टी कमिशनर के ध्यान में यह मामला लाया जाये।

वार्ता
चंडीगढ़


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