चिदंबरम की सीबीआई हिरासत मंगलवार तक बढी, अंतरिम जमानत पर सुनवाई कल
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत मंगलवार तक के लिये बढा दी।
पी चिदंबरम की सीबीआई हिरासत |
अदालत ने कहा कि वह सर्वोच्च अदालत द्वारा इससे पहले दिन में की गई टिप्पणी के मद्देनजर यह आदेश पारित कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने निचली अदालत से कहा था कि वह चिदंबरम की हिरासत अवधि एक और दिन के लिये बढा दे।
चिदंबरम (73) की तीन दिन की सीबीआई हिरासत की अवधि खत्म होने पर उन्हें आज अदालत में पेश किया गया था। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहाड़ मंगलवार को ही चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर साढे तीन बजे के बाद सुनवाई करेंगे।
न्यायाधीश ने अपने पांच पन्नों के आदेश में कहा, ‘‘अंतरिम जमानत याचिका का नोटिस सीबीआई को दिया जाए जिससे वह तीन सितंबर को अपना जवाब दे सके।’’
न्यायाधीश ने सर्वोच्च न्यायालय में मामले से जुड़े घटनाक्रम का संज्ञान लिया। न्यायालय ने पूर्व में निचली अदालत से कहा था कि वह सोमवार को ही चिदंबरम की अंतरिम जमानत के अनुरोध पर विचार करें और कहा कि अगर उन्हें राहत नहीं दी जाती है तो उनकी सीबीआई हिरासत तीन और दिनों के लिये बढा दी जाए।
हालांकि सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के दखल के बाद न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई गुरुवार (पांच सितंबर) की जगह मंगलवार को तय कर दी। चिदंबरम ने अपनी याचिका में गैर जमानती वारंट के साथ ही निचली अदालत द्वारा दिये गए हिरासत के आदेश को चुनौती दी है।
निचली अदालत में सीबीआई ने मामले में चिदंबरम को किसी भी तरह की राहत दिये जाने का विरोध किया और उनकी हिरासत अवधि एक दिन के लिये बढाए जाने की मांग की।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पूर्व मंत्री की अंतरिम जमानत याचिका पेश की। चिदंबरम को 21 अगस्त की रात को गिरफ्तार किया गया था।
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिये अदालत से वक्त मांगा और कहा कि सीबीआई को नोटिस जारी किया जाए क्योंकि यह वैधानिक रूप से जरूरी है।
मेहता ने कहा, ‘‘सभी नागरिकों से समान व्यवहार होना चाहिए’’ और सभी नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता समान है।
न्यायाधीश को जब सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई के बारे में सूचित किया गया तो उन्होंने पूछा कि क्या उच्चतम न्यायालय से राहत मांगे जाने के संदर्भ में कोई निर्देश है और जिस पर आज ही फैसला होना है।
सुनवाई के दौरान मेहता ने पूछा कि इस मामले में विशेष और असाधारण क्या है?
उनके प्रतिवेदन के जवाब में चिदंबरम की तरफ से ही पेश हुए एक अन्य वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी ने कहा कि अगर यह एक सामान्य मामला होता तो सॉलिसीटर जनरल खुद यहां नहीं होते।
मेहता ने कहा कि अगर सीबीआई को जमानत याचिका पर जवाब देने के लिये समय नहीं मिला तो यह न्याय का गंभीर उपहास होगा।
सिब्बल ने कहा कि वह जमानत पर बहस करना चाहते हैं।
दोंनों पक्षों द्वारा प्रतिवेदन दिये गए, इसके बाद न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि सर्वोच्च न्यायालय से क्या आदेश दिया गया है।’’
सिंघवी ने कहा कि उनके मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत याचिका पर आज ही फैसला करने या पुलिस हिरासत अवधि पांच सितंबर तक बढाने को कहा है।
विशेष अदालत ने 30 अगस्त को सीबीआई की हिरासत अवधि आज तक के लिये बढा दी थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 20 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद सीबीआई ने चिदंबरम (73) को 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और उसके बाद से उनसे 11 दिनों से हिरासत में लेकर पूछताछ हो रही है। अदालत में चिदंबरम के बेटे कार्ति भी मौजूद थे।
सीबीआई ने 2007 में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश हासिल करने के दौरान विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कथित अनियमितता को लेकर 15 मई 2017 में एफआईआर दर्ज की थी।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस संबंध में 2017 में धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
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