देश के सभी हवाई अड्डों पर लगेंगे बॉडी स्कैनर
तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ नये तरीकों के खतरों से निपटने के लिए देश के सभी हवाई अड्डों पर बॉडी स्कैनर लगाने का आदेश दिया गया है।
![]() देश के सभी हवाई अड्डों पर लगेंगे बॉडी स्कैनर (सांकेतिक चित्र) |
साथ ही सुरक्षाकर्मियों को हावभाव के आधार पर अपराधियों का पता लगाने का प्रशिक्षण देने की योजना है।
नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के संयुक्त महानिदेशक ज्योति नारायण ने मीडिया कार्यशाला में कहा कि बॉडी स्कैनर लगाने के लिए आदेश जारी कर दिये गये हैं। हवाई अड्डों पर लगे डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी) प्लास्टिक विस्फोटक जैसे आधुनिक विस्फोटकों को नहीं पकड़ सकते। इसलिए, उनकी जगह बॉडी स्कैनर लगाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि बॉडी स्कैनर लगाने के बाद हरयात्री को हाथ से टटोल कर जांच करने की परम्परा भी समाप्त हो जायेगी। बॉडी स्कैनर से गुजरने पर जिस यात्री के लिए अलार्म बजेगा सिर्फ उसे ही हाथ से टटोला जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले बॉडी स्कैनर लगाने के बारे में जो आपत्तियां थीं, उनका भी निदान कर दिया गया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) ने मिलकर ऐसा बॉडी स्कैनर तैयार किया है, जिससे यात्रियों की निजता भी भंग नहीं होगी और प्लास्टिक विस्फोटक भी पकड़ में आ जायेंगे।
उन्होंने बताया कि ब्यूरो अमेरिकी एजेंसियों के साथ मिलकर हवाई अड्डों की सुरक्षा में तैनात कर्मचारियों के विशेष प्रशिक्षण की योजना बना रहा है। इसके तहत व्यक्ति के हावभाव से यह अंदाजा लगाया जायेगा कि उसका इरादा अपराध करने का हो सकता है। फिर उसकी विस्तृत जांच और पूछताछ की जायेगी। इसके अलावा विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से कैमरे भी हवाई अड्डे पर किसी लावारिस वस्तु की जानकारी दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए यदि कोई बैग एक घंटे से उसी स्थिति में पड़ा है और किसी ने उसे नहीं छुआ है तो वह कैमरा नियंतण्रकक्ष में चेतावनी भेज देगा। इसके बाद सुरक्षाकर्मी बैग की जांच करेंगे।
उन्होंने कहा कि हवाई अड्डे पर विभिन्न कंपनियों, एजेंसियों तथा दुकानों के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को हवाई अड्डे पर प्रवेश के लिए पास जारी करने से पहले अब दो-स्तरीय जांच की जायेगी। इसमें एयरलाइन कर्मचारी, ग्राउंड हैंडलिंग कर्मचारी, हवाई अड्डे पर बने शो-रूम के कर्मचारी आदि शामिल हैं। इसके लिए हवाई अड्डा प्रवेश परमिट के नियमों में पिछले महीने बदलाव किये गये हैं। पहले सिर्फ स्थानीय पुलिस से व्यक्ति की पृष्ठभूमि की जांच करायी जाती थी।
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