योगी सरकार को SC से झटका, कहा- पत्रकार को तुरंत रिहा करे यूपी पुलिस
उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पत्रकार प्रशांत कनौजिया को मंगलवार को जमानत दे दी।
![]() सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पुलिस को पत्रकार को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ ने कनौजिया को जमानत देते हुए कहा कि आजादी का अधिकार एक मौलिक अधिकार है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता।
बहरहाल, पीठ ने यह भी कहा कि जमानत देने का यह मतलब नहीं है कि वह सोशल मीडिया पर डाले गए पत्रकार के ट्वीट या पोस्ट को सही ठहरा रही है।
पीठ ने सोमवार को कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा की ओर से अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन की दलीलों पर गौर किया था। नित्या रामकृष्णन का कहना था कि इस मामले में शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि यह गिरफ्तारी ‘गैरकानूनी’ और ‘असंवैधानिक’ है।
जगीशा अरोड़ा ने अपने पति की गिरफ्तारी को चुनौती देते हुये न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है और उसे अविलंब रिहा करने का उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश देने का अनुरोध किया है।
अधिवक्ता शादां फरासत के माध्यम से दायर याचिका में कनौजिया की पत्नी ने कथित रूप से ‘जमानती अपराध’ में दिल्ली से कनौजिया को गिरफ्तार करने के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
इसके अलावा, याचिका में इस गैरकानूनी गिरफ्तारी के लिये कनौजिया को ऐसा मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया गया है जो दूसरों के लिये भी नजीर बने।
याचिका में कहा गया है कि हिन्दी पत्रकार के आवास पर आठ जून को सादी वर्दी में आये लोग उसे अपने साथ ले गये। याचिका के अनुसार सात जून को लखनऊ में हजरतगंज थाने में पुलिस अधिकारियों ने कनौजिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (आपराधिक मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 के तहत प्राथमिकी दर्ज की। ये दोनों ही अपराध जमानती हैं।
याचिका के अनुसार इन कथित अपराधों के लिये दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत दिल्ली में ही पुलिस को उन्हें जमानत पर रिहा कर देना चाहिए था।
कनौजिया ने कथित रूप से ट्विटर और फेसबुक पर एक वीडियो साझा किया था जिसमें मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर विभिन्न मीडिया संस्थाओं के संवाददाताओं के समक्ष एक महिला यह बोलते हुये दिखाई दे रही है कि उसने आदित्यनाथ के पास विवाह का प्रस्ताव भेजा है।
इस संबंध में कनौजिया के खिलाफ हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं और उनकी छवि धूमिल करने का प्रयास किया।
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