निपाह वायरस से एक छात्र संक्रमित, केंद्र का छह सदस्यीय दल केरल रवाना
कॉलेज के एक छात्र के निपाह वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि के बाद केंद्र ने मंगलवार को केरल के लिए छह सदस्यीय टीम को भेजा है।
![]() केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन ने राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया |
पिछले साल मई में राज्य में इस वायरस से 17 लोगों की मौत हो गयी थी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हषर्वर्धन ने राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के के शैलजा से भी मौजूदा स्थिति पर चर्चा की और केंद्र की ओर से राज्य को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध मरीजों की जल्द पहचान करने और एकांत सुविधा की समीक्षा के वास्ते भेजी गयी छह सदस्यीय टीम में बीमारी से जुड़े एक विशेषज्ञ डॉक्टर भी हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि एक नियंत्रण कक्ष और राष्ट्रीय बीमारी नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के स्ट्रैटजिक हेल्थ ऑपरेशन सेंटर (एसएचओसी) को सक्रिय किया गया है और इसका फोन नंबर 011-23978046 है।
राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक निपाह वायरस से पिछले साल मई में 17 लोगों की मौत हो गई थी। इनमें कोझिकोड में 17 लोगों की और मलप्पुरम में तीन लोगों की मौत हो गयी थी।
शैलजा ने मंगलवार को कहा कि निपाह वायरस से 23 वर्षीय छात्र के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है और 86 अन्य लोगों को चिकित्सकीय निरीक्षण में रखा गया है ।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि निजी अस्पताल में इलाज करा रहे छात्र की हालत स्थिर है और उसे वेंटिलेटर जैसे किसी सपोर्ट सिस्टम पर नहीं रखा गया है। एर्नाकुलम जिले का प्रभावित छात्र इडुक्की जिले के थोडूपुझा में पढाई कर रहा है।
हषर्वर्धन ने कहा, ‘‘मैंने केंद्र सरकार की ओर से से हरसंभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। हम वन्यजीव और वन विभाग के भी संपर्क में हैं क्योंकि वायरस के लिए चमगादड़ों का परीक्षण किया जाना है। मुझे लगता है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।’’ केंद्रीय मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा के लिए मंत्रालय के अधिकारियों के साथ यहां बैठक की ।
केरल सरकार ने संक्रमितों की पहचान, निगरानी आदि व्यवस्था के लिए कदम उठाए हैं। इसके अलावा संस्थानों में त्वरित कार्रवाई टीमें बनायी गयी है। मेडिकल कॉलेज एर्नाकुलम में एक हेल्प डेस्क बनाया गया है ।
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