घने बादलों में रडार नहीं ढूंढ पाते विमान : एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार

Last Updated 28 May 2019 06:12:28 AM IST

लोक सभा चुनाव के दौरान एक साक्षात्कार में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बालाकोट हमले के संदर्भ में कहा था कि बादल के कारण भारतीय लड़ाकू विमान पाकिस्तानी रडार की नजर में आने से बच सकते हैं, तब इस पर काफी विवाद हुआ था।


एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार (file photo)

लेकिन चुनाव समाप्ति के बाद सेना के वरिष्ठ अधिकारियों की टिप्पणी से प्रधानमंत्री मोदी के कथन की सत्यता की पुष्टि होने लगी है। कारगिल युद्ध में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर आहुजा की याद में बठिंडा एयर बेस पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने कहा कि घने बादलों के कारण रडार विमान को पूरी तरह से डिटेक्ट नहीं कर पाते।
प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा था कि जब बालाकोट एयर स्ट्राइक की योजना बन रही थी, तो मैंने विशेषज्ञों को सुझाव दिया था कि कि आसमान में छाए बादल और भारी बारिश हमें पाकिस्तानी रडार से बचने में मदद कर सकते हैं। हालांकि एयर मार्शल नांबियार के इस बयान से प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण का बचाव होता है, लेकिन वे एकमात्र ऐसे सैन्य अधिकारी नहीं हैं, जिन्होंने ऐसी बात कही है। इसके कुछ पहले एक कार्यक्रम में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में थल सेनाध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने भी कहा था कि रडार अलग-अलग तकनीक पर काम करते हैं। इसके कई प्रकार होते हैं। कुछ रडार बादलों में विमानों को नहीं पकड़ पाते हैं, जबकि कुछ बादलों के रहते भी पकड़ लेते हैं।

गौरतलब है कि पुलवामा के अवंतीपोरा में 14 फरवरी को आतंकियों ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इसमें 44 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद भारतीय वायु सेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश के आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके एक दिन बाद 27 फरवरी को पाकिस्तान ने कश्मीर के पुंछ इलाके में बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय वायुसेना की मुस्तैदी के चलते उसके सभी निशाने चूक गए थे।

एजेंसियां
बठिंडा


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