आर्थिक विकास के 25 सालों में मोदी सरकार अव्वल
केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अच्छे दिन लाने के वादे के साथ सत्ता में आई थी। आम आदमी के अच्छे दिन आए या नहीं, इस पर बड़ी बहस हो सकती है लेकिन इतना जरूर है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन आ रहे हैं।
आर्थिक विकास के 25 सालों में मोदी सरकार अव्वल |
पिछले 25 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2011-12 के आधार पर तैयार की गई नई सीरीज के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में औसत आर्थिक विकास दर सबसे ऊंची रही है जबकि आम आदमी से जुड़ी महंगाई दर न्यूनतम स्तर पर रही है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आर्थिक विकास के मोच्रे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बार-बार विफल बता रहे हैं लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली के ब्लाग में दिए गए आंकड़े इन आरोपों को खारिज कर रहे हैं। यदि इन आंकड़ों की तुलना करें तो पिछले 25 साल में मोदी सरकार के कार्यकाल में सबसे तेज गति से विकास हुआ है। इस दौरान औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.3 फीसद रही है। खास बात यह है कि इस दौरान महंगाई दर 4.6 फीसद के न्यूनतम स्तर पर रही है। हालांकि अभी इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन अनुमानों के अनुसार यह इसी स्तर पर रहेंगे। ये दोनों ही आंकड़े मोदी सरकार के पक्ष में हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नोटबंदी और जीसएटी जैसे बड़े आर्थिक सुधारों की वजह कुछ समय के लिए जीडीपी प्रभावित हुई है नहीं तो वृद्धि दर का आंकड़ा इससे काफी ऊपर जाता।
आर्थिक वृद्धि दर के आंकड़े किसी भी देश की खुशहाली का पैमाना होते हैं। वृद्धि दर में एक फीसद की गिरावट आने पर करीब दो करोड़ रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं जबकि वृद्धि होने पर इतने ही नए रोजगार सृजित होते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव देश में आर्थिक सुधारों के पुरोधा माने जाते हैं। उनका कार्यकाल 1991 से 1996 तक रहा। इन पांच साल में देश की औसत आर्थिक वृद्धि दर 5.1 फीसद रही। लेकिन राव महंगाई को काबू करने के मोच्रे पर सफल नहीं हो पाए। उनके राज में औसत महंगाई दहाई अंक में रही।
आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत का लाभ 1996 से 1998 के बीच एचडी देवगौड़ा और इंद्र कुमार गुजराल के नेतृत्व में बनी गठबंधन सरकारों को मिला। इस दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सुधर कर 5.8 फीसद पर पहुंच गई। राहत की बात यह कि पिछली सरकार की तुलना में महंगाई में नरमी आई। इस मोच्रे पर वर्ष 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसके बाद वर्ष 2009 देश की कमान मंझे हुए अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के हाथों में आई। यूपीए की पहली पारी में जीडीपी वृद्धि दर 6.9 फीसद रही जबकि महंगाई का आंकड़ा 5.7 फीसद रहा। अपनी दूसरी पारी में मनमोहन सरकार महंगाई को काबू करने में ही जूझती रही। फिर भी यह आंकड़ा 10 फीसद के असहज स्तर से ऊपर ही रहा। इस दौरान विकास दर भी घटकर 6.7 फीसद पर आ गई।
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