आंदोलन वापस लेगा बेस्ट कर्मचारी संघ

Last Updated 16 Jan 2019 04:00:40 PM IST

बेस्ट कर्मचारी संघ ने अंतरिम कदम के रूप में वेतन बढोतरी के ‘10 चरणीय’ सूत्र को स्वीकार करने के बाद अपनी जारी हड़ताल को बुधवार को वापस लेने पर सहमति जताई।


आंदोलन वापस लेगा बेस्ट कर्मचारी संघ

बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट अंडरटेकिंग (बेस्ट) कर्मी, उनका प्रबंधन और अन्य संबंधित पक्ष अपना विवाद सुलझाने के लिए अब मध्यस्थ की मदद लेंगे।      

बेस्ट के 32 हजार से अधिक कर्मचारी विभिन्न मांगों को लेकर आठ जनवरी से हड़ताल पर हैं। उनकी मांगों में वेतन वृद्धि, कनिष्ठ स्तर के कर्मचारियों के लिए वेतनमान में सुधार और नुकसान में चल रही बेस्ट के बजट का बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बजट के साथ विलय शामिल हैं।    

सरकार द्वारा नियुक्त एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने इस सप्ताह की शुरूआत में सुझाव दिया था कि अंतरिम कदम के तौर पर बेस्ट कर्मचारियों का वेतन 10 चरणों में बढाया जाए।       

बेस्ट कर्मचारी संघ की वकील नीता कार्णिक ने बुधवार को कहा कि कर्मी इससे सहमत हैं लेकिन वे इस मामले को सुलझाने के लिए एक स्वतंत्र मध्यस्थ चाहते हैं।      

नीता ने कहा, ‘‘हम बेस्ट के साथ नहीं बैठ सकते। हम एक ऐसा स्वतंत्र मध्यस्थ चाहते हैं जिसे श्रमिक कानूनों की जानकारी हो.. हम चाहते हैं कि उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को मध्यस्थ नियुक्त किया जाए।’’      

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन एच पाटिल और न्यायमूर्ति एन एम जामदार की खंडपीठ ने इस पर सहमति जताई और दोनों पक्षों से नाम का सुझाव देने को कहा।      

अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मध्यस्थ 20 चरणीय वेतन वृद्धि, बेस्ट एवं बीएमसी के बजट का विलय और इसी प्रकार की अन्य मांगों पर तीन महीने की अवधि में चर्चा करेगा।’’      

बेस्ट संघ और उसका प्रबंधन मध्यस्थ के तौर पर उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एफ आई रेबेलो के नाम पर सहमत हो गए हैं। अदालत का आदेश सुनाने के बाद नीता ने पीठ के समक्ष कहा कि बुधवार दोपहर बाद तक हड़ताल वापस ले ली जाएगी।      

अदालत ने उल्लेख किया कि हड़ताल समाप्ति सुनिश्चित करना पहला चरण है।      

न्यायमूर्ति पाटिल ने कहा, ‘‘हड़ताल होनी ही नहीं चाहिए थी। हालात इतने नहीं बिगड़ने चाहिए थे। बेस्ट एवं बीएमसी को बेस्ट कर्मियों की बात पर ध्यान देना चाहिए। कम वेतन के साथ परिवारों का भरण पोषण करना आसान नहीं है।’’      

उन्होंने कर्मचारियों के लिए कहा, ‘‘कोई भी कर्मचारी यह नहीं कहेगा कि वह अपनी नौकरी या वेतन से संतुष्ट है। हम सभी एक ऐसी प्रणाली का हिस्सा है जिसके लगातार काम करते रहने की आवश्यकता है।’’      

अदालत ने वकील दत्ता माने की पिछले सप्ताह दायर याचिका की सुनवाई के दौरान यह बात कही। याचिका में हड़ताल को अवैध करार दिए जाने और समाप्त करने का आदेश देने की मांग की गई थी।      



बेस्ट के वकील एम पी राव ने पीठ को बताया कि प्रबंधन इस साल जनवरी से अपने कर्मचारियों के लिए 10 चरण में वेतन वृद्धि लागू करने को तैयार है। राव ने कहा कि लेकिन हड़ताल वापस लिए जाने पर ही इसे लागू किया जाएगा।

भाषा
मुंबई


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