नया नहीं, हमें पुराना भारत ही लौटा दो : कांग्रेस

Last Updated 06 Feb 2018 03:02:00 AM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद ने केंद्र सरकार की सभी मोर्चो पर विफलता पर तंज कसा और कहा कि देश को नहीं चाहिए नया भारत, देश को पुराना भारत ही लौटा दो.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नवी आजाद

देश को गांधी का वह पुराना भारत चाहिए, जिसमें बंटवारे की बात न हो. सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव रहे. वंशवाद, जातिवाद और तुष्टीकरण के चलते देश में हालात ठीक नहीं है. सीमा सुरक्षा, महिलाओं सुरक्षा और विकास आदि के मुद्दों पर सरकार ने साढ़े तीन वर्ष में रेत का हिमालय तैयार किया और वह ढह रहा है.

आजाद ने आज राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर अपनी बात रखी. उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के वंशवाद के आरोप का जवाब देते हुए नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी का नाम न लेते हुए कहा कि करीब 30 वर्ष से वंशवाद का प्रधानमंत्री नहीं है. लेकिन उनके बच्चों से भी वे भी वंशवाद से डर रहे हैं और वंशवाद का नाम ले रहे हैं. जातिवाद ने नाम समाज को बांटा गया, फिर विपक्षी दलों को बांटा गया. यहां तक शिया-सुन्नी को बांटा गया और अब तलाक के नाम पर पति-पत्नी को बांटने का काम चल रहा है.

उन्होंने कहा कि हमारी समझ में नहीं आ रहा है कि यह सरकार गेम चेंजर है या नेम चेंजर. उन्होेंने करीब दो दर्जन से अधिक योजनाओं को बताया कि 2014 के बाद सरकार ने उनका नाम बदलकर जैसे जनधन, बीमा योजना और अटल पेंशन योजना आदि रख दिया है. सरकार के पास नई स्कीम कहां है. यूपीए की सरकार ने जितनी योजनाएं चला रही थीं, उन्हीं योजनाओं का उद्घाटन करने में प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों का 24 घंटे बीत जाएगा तभी वे योजनाएं कम नहीं होंगी.

उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीबों को 15 लाख रुपये का पहले जुमला दिया गया और फिर कहा गया है कि हर वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार दिया जाएगा. लेकिन पांच वर्ष में दस करोड़ रोजगार कहां गये. इस मामले में लोगों को झूठे सपने दिखाये गये हैं. उन्होंने कहा कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा दिया जा रहा है, लेकिन 161 जिलों के लिए पहले बजट में दो सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. उन्होंने जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार उनकी योजनाओं का नाम बदल कर अपनी योजना बता रही है. वास्तव में यह योजना यूपीए सरकार की थी और उस दौरान 24 करोड़ 30 लाख बैंक खाते हुए थे. एनडीए की सरकार में मात्र सात करोड़ 25 लाख की बढ़ोतरी हुई है.

सहारा न्यूज ब्यूरो


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment