‘मॉडल निकाहनामा’ पेश करेगा पर्सनल लॉ बोर्ड
आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने महिलाओं के संघर्ष को गंभीरता से लेते हुए आगामी नौ फरवरी से हैदराबाद में आयोजित होने वाली तीन दिवसीय बैठक में ‘मॉडल निकाहनामा’ पेश करने का निर्णय लिया है.
‘मॉडल निकाहनामा’ पेश करेगा पर्सनल लॉ बोर्ड |
‘तीन तलाक’ को लेकर मुस्लिम महिलाएं काफी दिन से संघषर्रत हैं. उच्चतम न्यायालय का भी इस संबंध में स्पष्ट मत आ चुका है. लोकसभा में इस संबंध में आया विधेयक पारित हो गया था, लेकिन राज्य सभा में यह लटक गया था. मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी ने बताया कि 09,10 और 11 फ़रवरी को हैदराबाद में होने वाली बोर्ड की बैठक का प्रमुख एजेंडा ही मॉडल निकाहनामा है. जव्वाद ने कहा कि माडल निकाहनामे के अनुसार दूल्हे को निकाहनामे में लिखित आश्वासन देना होगा कि वह लड़की को एक बार में तीन तलाक नहीं बोलेगा.
इस संबंध में बोर्ड के सदस्य फरंगी महली ने कहा कि उन्हें पता चला है कि मॉडल निकाहनामा बोर्ड के एजेंडे में है, लेकिन उन्होंने इस संबंध में विस्तार से बताने से इनकार किया. गौरतलब है कि बोर्ड पहले ही कह चुका है कि वह एक बार में तीन तलाक बोलने को तलाक नहीं मानता. इसके लिए शरीयत में बाकायदा समय निर्धारित है. एक बार तलाक बोलने के बाद कुछ दिन रुक कर दूसरा और तीसरा तलाक बोला जाता है. बोर्ड तलाक के मामले को लेकर जागरूकता अभियान भी चला रहा है.
वहीं, उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट शब्दों में एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक और कुरान की शिक्षा के विरुद्ध करार देते हुए कहा था कि ऐसा तलाक मान्य नहीं होगा. मोदी सरकार ने एक बार में तीन तलाक पर लोक सभा में विधेयक पेश किया था. इस कानून में प्रावधान था कि जो मर्द अपनी पत्नी को एक बार में तीन तलाक बोलेगा, उसे तीन वर्ष की कैद के साथ ही पत्नी को गुजाराभत्ता भी देना होगा.
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