राष्ट्रपति को बजट सत्र में तीन तलाक बिल पास होने की उम्मीद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ आज से बजट सत्र का आगाज हुआ.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद |
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि तीन तलाक विधेयक संसद के बजट सत्र में पारित हो जाएगा. उन्होंने कहा, "मेरी सरकार मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए तीन तलाक विधेयक लाई है और मुझे उम्मीद है कि संसद इस विधेयक को पारित करेगी."
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने अपने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना का देश के 161 जिलों से 640 जिलों में विस्तार कर दिया है.
राष्ट्रपति ने कहा, "सरकार ने मातृत्व विधेयक में सुधार किया है, जिसके तहत कामकाजी महिलाओं को 12 हफ्ते के बजाय बिना वेतन कटे 26 हफ्तों तक की छुट्टी मिलेगी. अब महिलाएं अपने नवजात शिशुओं के साथ ज्यादा समय बिता पाएंगी."
उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के योगदानों का भी जिक्र किया और कहा, "बाबासाहेब अंबेडकर कहा करते थे कि आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजनीतिक लोकतंत्र अस्थिर है."
सरकार की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नहीं सशक्तीकरण की नीति
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, "नरेंद्र मोदी सरकार की नीति अल्पसंख्यक समुदायों के तुष्टिकरण की नहीं बल्कि सशक्तीकरण की है.
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं जैसे 'सीखो और कमाओ', 'उस्ताद', 'गरीब नवाज कौशल विकास' और इस तरह की अन्य योजनाओं से मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, "ऐसा पहली बार है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र की मुस्लिम महिलाओं को बिना पुरुष सहयोगी के हज करने की इजाजत दी गई है और इस वर्ष इसी योजना का लाभ उठाकर 1,300 महिलाएं बिना पुरुष सहयोगी के हज करने गई हैं."
सरकार किसानों की आय दोगुना करने को प्रतिबद्ध
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कई योजनायें शुरू की गयी है जिससे खेती की लागत कम हो रही है.
उन्होंने कहा कि किसानों की मुश्किलों का समाधान करना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना सरकार की उच्च प्राथमिकता है. विभिन्न योजनाओं से वह न केवल किसानों की चिंता कम कर रही हैं बल्कि खेती पर होने वाले उनके खर्च को भी घटा रही हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों और किसानों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि देश में 27.5 करोड़ टन से ज्यादा खाद्यान्न और लगभग 30 करोड़ टन फलों-सब्जियों का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है.
किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने की सरकार की प्रतिबद्ध दोहराते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत मिले इसके लिए देश की कृषि मंडियों को ऑनलाइन जोड़ने का कार्य चल रहा है. ई नाम योजना के तहत अब तक 36,000 करोड़ रुपए से अधिक की कृषि वस्तुओं का व्यापार किया जा चुका है.
दशकों से लंबित 99 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का काम भी प्रगति पर है. दालों के लिए बनाई गई नई नीति की वजह से पिछले वर्ष की तुलना में दाल के उत्पादन में 38 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है जो एक रिकॉर्ड है.
राष्ट्रपति ने कहा कि इसके अलावा किसानों की आय बढ़ाने के लिए डेयरी सेक्टर में 11,000 करोड़ रुपए की ‘डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि’ से एक महत्त्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर देश में यूरिया का उत्पादन बढ़ा है वहीं शत प्रतिशत यूरिया के नीम लेपित होने से इसकी कालाबाजारी भी रुकी है. गोरखपुर, बरौनी, सिंदरी, तालचर और रामागुंडम उर्वरक कारखानों को फिर से शुरू कराने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना’ के तहत किसानों को सस्ती और सरल बीमा सेवा उपलब्ध करायी जा रही हैं. 2017 के दौरान, रबी और खरीफ फसलों के दौरान पांच करोड़ 71 लाख किसानों को इस योजना के तहत सुरक्षा कवच प्रदान किया गया था.
आर्थिक लोकतंत्र सुदृढ़ कर रही है सरकार
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार सरल और पारदर्शी प्रशासनिक प्रक्रियाओं के जरिए गरीबों और वंचितों को मजबूती देकर आर्थिक लोकतंत्र को सुदृढ़ कर रही है.
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार गरीबों की पीड़ा महसूस करती है और उसकी योजनाओं से देश में आर्थिक लोकतंत्र सशक्त हो रहा है. देश बैंकिंग प्रणाली और गरीब के बीच की खाई को पूरी तरह खत्म करने की ओर बढ़ रहा है. ‘जनधन योजना’ के तहत लगभग 31 करोड़ गरीब लोगों के बैंक खाते खोले जा चुके हैं. इस योजना के शुरू होने से पहले, देश में महिलाओं के बचत खातों की संख्या लगभग 28 प्रतिशत थी जो बढ़कर 40 प्रतिशत से भी अधिक हो गई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए, विशेषकर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए, बिना बैंक गारंटी कर्ज देने पर जोर दिया है. लोग अपना उद्यम चलाने के लिए आसानी से कर्ज ले रहे हैं. ‘प्रधानमंत्री मुद्रा योजना’ के तहत लगभग 10 करोड़ ऋण स्वीकृत किए गए हैं और चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज दिया गया है.
लगभग तीन करोड़ लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहली बार इस योजना का लाभ उठाया है और स्वरोजगार शुरू करने में सफल हुए हैं.
जनऔषधि केन्द्रों से 800 दवाएं मिल रही सस्ती दरों पर
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करा रही है और इसके तहत 800 दवाएं सस्ती दरों पर उपलब्ध करायी जा रही है.
उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्रों’ के माध्यम से गरीबों को 800 तरह की दवाएं सस्ती दरों पर दी जा रही हैं. इन केन्द्रों की संख्या 3,000 के पार पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि ‘दीनदयाल अमृत योजना’ के तहत 111 आउटलेट के माध्यम से 5,200 से अधिक जीवन-रक्षक ब्रांडेड दवाओं और सर्जिकल इम्प्लांट्स पर 60 से 90 प्रतिशत तक की रियायत दी जा रही है.
उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एमबीबीएस की 13 हजार सीटें और पोस्ट ग्रेजुएट की 7,000 से अधिक सीटें मंजूर की गयी हैं. चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने लोकसभा में ‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक’ भी प्रस्तुत किया है.
एक साथ चुनाव कराने के लिए सहमति बनायें राजनीतिक दल
राष्ट्रपति ने बार-बार होने वाले चुनावों से विकास में बाधा पड़ने के मद्देनजर सभी चुनाव एक साथ कराने के उद्देश्य से राजनीतिक दलों के बीच सहमित बनाने के लिए संवाद बढ़ाने की जरूरत बतायी है.
उन्होंने अपने अभिभाषण में कहा कि जनता में देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार होने वाले चुनावों से विकास बाधित होने और दूसरे विपरीत प्रभावों को लेकर चिंता है. उन्होंने कहा, गवर्नेंस के प्रति सजग लोगों में, देश के किसी न किसी हिस्से में लगातार हो रहे चुनाव से, पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर चिंता है. बार-बार चुनाव होने से मानव संसाधन पर बोझ तो बढ़ता ही है, आचार संहिता लागू होने से देश की विकास प्रक्रिया भी बाधित होती है.
राष्ट्रपति ने कहा कि यह देखते हुए देश में एक साथ चुनाव कराने के विषय पर चर्चा और संवाद बढ़ाया जाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों के बीच सहमति बनायी जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समय-समय पर यह कहते रहे हैं कि बार-बार चुनाव कराने से होने वाले खर्च और विकास कार्यों में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए देश में सभी चुनाव एक बार में ही कराये जाने चाहिए.
सीमा पार से घुसपैठ के कारण हो रही है कश्मीर में हिंसा
उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिये बिना आज कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हिंसा सीधे-सीधे सीमा पार से होने वाली घुसपैठ से जुड़ी है जिसका सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ के चलते जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हिंसा हो रही है लेकिन चौकस सुरक्षा बल इन हमलों का करारा जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा, जम्मू और कश्मीर के अंदरूनी इलाकों में आतंकवादी हिंसा, सीमा पार से होने वाली घुसपैठ से सीधे-सीधे जुड़ी है. हमारे सैन्य और अर्ध सैन्य बल और जम्मू-कश्मीर पुलिस आपस में बेहतर तालमेल के साथ इस हिंसा का उपयुक्त जवाब दे रहे हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों के प्रयासों के कारण आंतरिक सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. पूर्वोत्तर में, सुरक्षा स्थिति में भी बदलाव आया है साथ ही नक्सली-माओवादी हिंसा की घटनाओं में भी कमी आई है. उन्होंने कहा, इसके लिए इन क्षेत्रों के जागरूक निवासी और हमारे सैन्य, अर्ध सैन्यबल और हमारे पुलिस बल बधाई के पात्र हैं. हम अपने उन सभी प्रहरियों की सराहना करते हैं और जो शहीद हुए हैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार हिंसा छोड़ने वाले और देश के संविधान में आस्था रखने वाले लोगों के साथ बातचीत के लिए तैयार है. राष्ट्रपति ने कहा, सरकार ने उन लोगों के साथ बातचीत का रास्ता खुला रखा है जो हिंसा छोड़ना चाहते हैं और भारतीय संविधान में आस्था रखते हुए मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं. नक्सली-माओवादी विचारधारा से प्रभावित युवा, पिछले तीन वर्षों के दौरान सर्वाधिक संख्या में समर्पण करके मुख्यधारा में आए हैं.
कोविंद ने कहा कि सरकार पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही है और इसके लिए 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की योजना को मंजूरी दी है. देश को रक्षा उत्पादों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में सामरिक साझेदारी से संबंधित नीति को भी अंतिम रूप दिया गया है. इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी तो बढ़ेगी ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण कार्यों पर भी ध्यान दे रही है और अपने वादे के अनुसार उसने एक रैंक एक पेंशन के तहत 20 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों को 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक की बकाया राशि का भुगतान किया है.
विदेशों में बढ़ा है भारत का सम्मान
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि सरकार के सफल राजनयिक प्रयासों के कारण विश्व में भारत को न केवल नया सम्मान मिला है, बल्कि विदेश में बसे भारतीयों में अपनी सुरक्षा के प्रति भरोसा भी जगा है.
राष्ट्रपति ने कहा कि मानवता की सेवा भारत की सांस्कृतिक विरासत का अभिन्न अंग रहा है. चाहे नेपाल में भूकंप हो, या श्रीलंका में बाढ़ की आपदा, या मालदीप में पेयजल का संकट, इन्हीं मूल्यों के कारण भारत सहायता का हाथ बढ़ाने वाले देशों में अग्रणी रहा है.
उन्होंने कहा, आज विश्व के किसी भी कोने में बसे भारतीयों को यह भरोसा है कि वे कहीं भी संकट में पड़ेंगे तो उनकी सरकार उन्हें सुरक्षित निकालकर स्वदेश वापस ले आएगी. 2014 के बाद से विदेश में संकट में फंसे 90 हजार से अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाल के वर्षों में भारत की कूटनीतिक सफलताओं का खाका पेश करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के सफल राजनयिक प्रयासों के कारण विश्व में भारत को एक नया सम्मान प्राप्त हुआ है. उन्होंने इस सिलसिले में अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण, अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन, आर्थिक और सामाजिक परिषद और इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मिले प्रतिनिधित्व का उल्लेख भी किया.
उन्होंने कहा, पिछले वर्ष प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में शामिल होने के बाद भारत को इस वर्ष वासेनार व्यवस्था और आस्ट्रेलियाई समूह में भी सदस्य के रूप मे शामिल किया गया है. यह सफलता लंबी जद्दोजहद और लंबे इंतजार के बाद मिली है, जो सरकार की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है.
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