भारत माता की जय हमारी सभ्यता, ऐतराज क्यों : वेंकैया

Last Updated 04 Dec 2017 07:50:47 PM IST

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सोमवार को यहां कहा कि देश में जो छुपा धन था, वह बाहर आ गया. नायडू ने यह भी कहा कि वंदेमातरम के साथ ही भारत माता की जय का नारा हमारी सभ्यता है.


उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि वंदेमातरम के साथ ही भारत माता की जय का नारा हमारी सभ्यता है, इसमें किसी को ऐतराज क्यों है. उपराष्ट्रपति कानपुर स्थित चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. उन्होंने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को पदक प्रदान किए.

उपराष्ट्रपति ने सात विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक, सात को रजत पदक और सात को कांस्य पद सहित 31 पदक प्रदान किए. इसके साथ ही 430 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया.

इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओं को संबोधित भी किया. नायडू ने कहा, "वह चाहते हैं कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में कृषि और संस्कृति की पढ़ाई भी हो. इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे." उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा का बहुत महत्व है.

उपराष्ट्रपति ने समारोह में मौजूद छात्र-छात्राओं के साथ ही कुलपति से कहा कि वंदेमातरम के साथ ही भारत माता की जय का नारा हमारी सभ्यता है. इसमें किसी को ऐतराज क्यों है.

नायडू ने कहा, "संसद पर हमला कर अफजल गुरु ने हम लोगों को मारने की कोशिश की थी. यहां पर मौजूद राज्यपाल राम नाईक, सांसद डॉ. मुरली मनोहर जोशी और मुझे मारने की कोशिश की थी. हम देश के लिए काम कर रहे हैं, इसलिए बच गए."



उपराष्ट्रपति रविवार देर शाम लखनऊ पहुंचे थे. बौद्घ भिक्षु प्रज्ञानंद का अंतिम दर्शन करने के बाद राजभवन में उन्होंने रात्रि विश्राम किया. वह सोमवार को वापस कानपुर से लखनऊ लौटे और यहां अमौसी हवाईअड्डे से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए.

उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह उनका उत्तर प्रदेश का पहला दौरा था.

आईएएनएस


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