सामान पहुंचाने के लिए होगा ड्रोन का इस्तेमाल!

Last Updated 02 Nov 2017 02:43:54 AM IST

आखिरकार अब देश में भी घर-घर सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हो सकेगा. ई-कामर्स के प्लेटफार्म पर वस्तुओं की डिलीवरी करने के लिए पहल शुरू हो गई है.


अब होगा सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल.

व्यापारिक और व्यावहारिक तौर पर ड्रोन के इस्तेमाल के लिए कानून-कायदे बनाए जाएंगे. इसके लिए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एक मसौदा तैयार कर लिया है. इस मसौदे पर सुझाव मांगे जा रहे हैं. एक माह के भीतर मिलने वाले सुझावों पर सहमति बनने के बाद ड्रोन के व्यापारिक इस्तेमाल की नीति बनाई जाएगी. यह प्रक्रिया 31 दिसम्बर तक पूरी हो जाएगी और नए वर्ष में ड्रोन संबंधी नियम बन जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने डीजीसीए की ओर तैयार मसौदे को जारी किया. दरअसल कई देशों में ई-कामर्स के प्लेटफार्म पर सामान को पहुंचाने के लिए रिमोट पायलट एयरक्राफ्ट सिस्टम (ड्रोन) का इस्तेमाल किया जा रहा है. मानवरहित एयरक्राफ्ट प्रणाली (ड्रोन) के लिए नीति बनाए जाने के लिए कुछ स्तर पर चर्चा हुई थी. लेकिन उस दौरान यह केवल चर्चा तक ही सीमित रह गई. व्यापारिक स्तर पर ड्रोन के इस्तेमाल से ई-कामर्स कंपनियों को पिज्जा, मोबाइल एवं हल्के वजन वाले अन्य सामान घर-घर पहुंचाने में आसानी हो जाएगी. इससे ई-कामर्स कम्पनियों को डिलीवरी को लेकर होने वाली दिक्कतों से निजात मिलेगी. ड्रोन के जरिये लोगों को जल्दी सामान घर पहुंचेगा, समय और खर्च की बचत होगी. कई ऐसी ई-कामर्स कंपनियां एवं अन्य व्यापारिक संस्थान सामान डिलीवरी के लिए ड्रोन के उपयोग के लिए इच्छुक हैं.

इसको देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने नीति बनाने के लिए कदम आगे बढ़ा दिए हैं. इसके लिए डीजीसीए ने ड्रोन के इस्तेमाल से वजन और दूरी के हिसाब से वर्गीकरण किया है. मसौदे के मुताबिक अधिकतम उड़ान के हिसाब से वजन तय किया गया है. नैनो ड्रोन की उड़ान 250 ग्राम वजन की होगी. माइक्रो उड़ान 250 ग्राम से अधिक और दो किलोग्राम से कम होगी. मिनी उड़ान 2-25 किलोग्राम तक होगी. स्माल उड़ान 25 से 150 किलोग्राम के बीच जबकि लार्ज 150 किलोग्राम से अधिक होगी. ये सभी ड्रोन वजन की क्षमता के अनुसार उड़ान भर सकेंगे.
मसौदे के अनुसार ड्रोन के पंजीकरण लिए सुरक्षा एजेंसियों के मानक का ख्याल रखना होगा. साथ ही डीजीसीए की प्रस्तावित नीति को मानना होगा और ऐसे आपरेटरों को यूनिक आईडेंटीफाई नंबर (यूआईएन) मिलेगा. आपरेटर को कैटगरी के अनुसार परमिट लेना होगा. मॉडल एयरक्राफ्ट (ड्रोन) दो किलोग्राम वजन के साथ दो सौ फीट तक उड़ान भरेगा. नैनो और माइक्रो कैटगरी में रिमोट पाइलट को प्रशिक्षण लेना होगा.

सहारा न्यूज ब्यूरो


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