मुस्लिम महिलाओं के लिये 'न्यू इंडिया' का मार्ग प्रशस्त-शाह

Last Updated 22 Aug 2017 03:09:28 PM IST

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को मुस्लिम महिलाओं के समानता और मूलभूत संवैधानिक अधिकार की विजय बताते हुए कहा है कि भाजपा इसे संकल्पवान मुस्लिम महिलाओं के 'न्यू इंडिय' की ओर बढ़ते कदम के रुप में देखती है.


भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में तीन तलाक पर न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुये कहा कि इससे मुस्लिम महिलाओं के लिये स्वाभिमानपूर्ण एवं समानता के एक नये युग की शुरुआत हुयी है. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के पक्ष को विवेकपूर्ण और न्यायपूर्ण तरीके से सर्वोच्च अदालत के सामने रखने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की सराहना की.
      
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला किसी की जय या पराजय का नहीं है. यह मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार और मूलभूत संवैधानिक अधिकार की विजय है. उन्होंने कहा कि वि के बहुत से मुस्लिम देशों में तीन तलाक का कानून नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने तीन तलाक को गैर संवैधानिक घोषित करके देश की करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को समानता एवं आत्मसम्मान से जीने का हक दिया है.
            
उन्होंने कहा कि वह अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ रही सभी पीड़ति महिलाओं के हक में आये इस फैसले का स्वागत करते हैं और इन महिलाओं का अभिनंदन करते हैं. भाजपा मुस्लिम महिलाओं को मिले उनके अधिकारों एवं सम्मान का स्वागत करती है तथा इसे संकल्पवान 'न्यू इंडिया' की ओर बढ़ते कदम के रुप में देखती है.
             
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापा में तीन तलाक पर मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने का वादा किया था और कहा था कि मुस्लिम महिलाओं की राय के अनुसार सरकार अदालत में अपना पक्ष रखेगी.


              
उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में बहुमत से तलाक-ए-बिदअत (लगातार तीन बार तलाक कहने की प्रथा) को असंवैधानिक करार दिया. पांच सदस्यीय संविधान पीठ के तीन सदस्यों ने तलाक-ए-बिदअत को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि यह प्रथा गैर-इस्लामिक है.
             
हालांकि संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश जे एस केहर और न्यायमूर्ति ए अब्दुल नजीर ने तलाक-ए-बिदअत को गैर-कानूनी ठहराने के तीन अन्य न्यायाधीशों के फैसले से असहमति जतायी.

भाषा


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