जीवन में बदलाव के लिए 'मोदी सूत्र' पढ़ना जरूरी

Last Updated 17 Dec 2016 09:30:05 PM IST

देश और दुनिया के सामने प्रधानमंत्री मोदी एक वैश्विक राजनेता बनकर सामने आए हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद से लगातार मोदी का विरोध हो रहा है. इसके बाद भी, हर बार नरेंद्र मोदी नई शक्ति और ऊर्जा के साथ दुनिया के सामने प्रस्तुत हुए हैं.


जीवन में बदलाव के लिए 'मोदी सूत्र' जरूरी (फाइल फोटो)

हर बार विरोधियों की चाल उल्टी पड़ती गई. ऐसे शख्स के बारे में हर कोई जानना चाहता है. मोदी पर अब तक तीन सौ के करीब किताबें आई है. उसमें एक नाम और जुड़ गया – 'मोदी सूत्र'.

गणित के सवालों को हल करने के लिए हम सबको कुछ याद रखने होते हैं. सूत्र याद नहीं है तो गणित के सवालों को हल कर ही नहीं सकते. ठीक वैसे ही जीवन को सुचारू बनाए रखने के लिए भी सूत्र की जरूरत होती है. इस पुस्तक में जीवन से जुड़े कई सूत्र हैं, जिसे प्रत्येक व्यक्ति को पढ़ना, समझना और उसे दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. यह सूत्र हमें विवाद से संवाद की ओर लेकर चलता है. राजनीति से राष्ट्रनीति की ओर चलने का रास्ता बताता है.

आलोच्य पुस्तक के लेखक हैं वरिष्ठ पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल. इसे ब्लूम्सबरी पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया. यह वही पब्लिकेशन है, जिन्होंने हैरी पॉटर की कहानियों को पुस्तक का रूप दिया है. पाठकों को इस पुस्तक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़ी हुई कई अप्रकाशित तस्वीरों का संकलन 16 पेजों में देखने को मिलेगा. ये वो तस्वीरें हैं, जो आपको एक साधारण व्यक्ति के असाधारण कहानी को सामान्य तरीके से कहने का प्रयास किया है. ये सारी तस्वीर लेखक को प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री के छोटे भाई पंकज मोदी से प्राप्त हुए.

इस पुस्तक में नरेंद्र मोदी के 283 सूत्र प्रकाशित हैं. इन सूत्रों को विषयवार दस अलग-अलग अध्यायों में बांटा गया है. एक ओर जहां परीक्षा देने वाले छात्रों की बात हो रही है, तो वहीं वैज्ञानिकों से लेकर जवानों की भी बात हो रही है. पर्यावरण से लेकर सेहत तो व्यक्ति विकास से लेकर मानवता के विकास को लेकर सूत्र गढ़े हैं. सभी सूत्रों को समय-समय पर नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषणों से तैयार किया गया है. ये सूत्र मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बनने के सफर का साक्षी है. यही सूत्र भारत के प्रधानमंत्री मोदी से वैश्विक लीडर मोदी का साक्षात्कार कराएगा. पुस्तक में प्रकाशित सभी सूत्र एक से एक हैं. अपने आप में एक-एक सूत्र जीवन में क्रांति लाने और महान कारक बनने के लिए पर्याप्त है. इन सूत्रों को अगर किसी ने अपने जीवन में उतार लिया, उसे अपने व्यवहार में शामिल कर लिया तो तय है उसके जीवन में क्रांतिकारी बदलाव होंगे. इन सूत्रों को जीवन में अमल करते ही परिवर्तन की झनझनाहट को आप महसूस करने लगेंगे.



प्रधानमंत्री बनने के बाद हर कोई नरेंद्र मोदी के साथ अपने आपको जोड़ना चाहता है, वह चाहे नरेंद्र मोदी को पसंद करता हो या नापसंद, उनकी नीतियों का समर्थन करता हो या विरोध. लेकिन लेखक ने 'मोदी सूत्र' इसलिए नहीं लिखा कि मोदी प्रधानमंत्री बने हैं तो लिखना है. मोदी अगर प्रधानमंत्री न भी बनते तब भी लेखक की नजरों में नरेंद्र मोदी की छवि वही होती. लेखक तो नरेंद्र मोदी पर इससे पहले भी एक किताब लिख चुके हैं- 'मोदी मंत्र'. इन्होंने इसे तब लिखा जब भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना. पद और रूतबा के अनुसार पाठक और समीक्षक का नजरिया जरूर बदलता है, ऐसा मेरा मानना है. 

नरेंद्र मोदी युगपुरुष नहीं, युग प्रवर्तक के रूप में उदीप्तमान हैं. उन पर लिखी लेखक की पहली पुस्तक 'मोदी मंत्र', जिस-जिसने भी पढ़ा होगा, निश्चित रूप से उनका मत मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए गया होगा. उन पाठकों को लेखक की दूसरी पुस्तक 'मोदी सूत्र' बहुत पसंद आएगी. उन्हें न केवल मोदी पर बल्कि लेखक के कलम पर विश्वास होगा. जिन लोगों ने 'मोदी मंत्र' नहीं पढ़ा, उन्हें 'मोदी सूत्र' और भी अच्छा लगेगा, क्योंकि उन्हें यहां नरेंद्र मोदी उस रूप में नहीं मिलेंगे जैसा कि आप तमाम चैनलों के टॉक शो या समाचार पत्रों में देखते और पढ़ते हैं. यहां पाठकों को नरेंद्र मोदी एक नए रूप में नजर आएंगे, कभी पर्यावरणविद्, कभी सामाजिक कार्यकर्ता, कभी योगी, कभी सेवक तो कभी विचारक. इससे भी बढ़कर नरेंद्र मोदी इस पुस्तक में सामाजिक क्रांति और सकारात्मक बदलाव के अग्रदूत के रूप में पाठकों के सामने दिखेंगे.

 

 



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