नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार से मिलेंगे पीएम मोदी

Last Updated 14 Oct 2015 09:36:39 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने निवास पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की मेजबानी करेंगे.




नेताजी के परिवार से मिलेंगे मोदी (फाइल फोटो)

मोदी ने मंगलवार को कहा कि यह कार्यक्रम उनके लिए ‘सम्मान’ की बात है.

इस मुलाकात के दौरान परिवार के सदस्यों द्वारा नेताजी से जुड़ी सभी फाइलों को सार्वजनिक किए जाने की मांग करने की संभावना है. नेताजी का 70 साल पहले लापता होना लगातार रहस्य बना हुआ है.

मोदी ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘कल का दिन काफी विशेष दिन है. मैं सुभाष बाबू के परिवार के सदस्यों से अपने निवास पर मिलूंगा. उनकी मेजबानी करना सम्मान की बात है.’’

प्रधानमंत्री ने 20 सितंबर को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा था कि वह अक्टूबर में अपने आवास पर नेताजी के परिवार के 50 से अधिक सदस्यों की अगवानी करेंगे.

उन्होंने कहा था, ‘‘विभिन्न देशों से सुभाष बाबू के परिवार के 50 से अधिक सदस्य आएंगे..मुझे खुशी है कि उनका स्वागत करूंगा.’’

अपने लिए इसे यादगार अवसर बताते हुए मोदी ने कहा था कि यह संभवत: पहला मौका होगा जब नेताजी के परिवार के सदस्य एक साथ प्रधानमंत्री आवास आएंगे.

उन्होंने कहा था, ‘‘लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी यह है कि इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय में किसी को भी ऐसा मौका नहीं मिला होगा जैसा मुझे अक्टूबर में मिलने जा रहा है.’’

नेताजी के परिवार के कुछ सदस्यों के साथ मई में कोलकाता में हुई अपनी मुलाकात को याद करते हुए मोदी ने कहा था, ‘‘मुझे उनके साथ कुछ समय व्यतीत करने का अवसर मिला. उस दिन यह तय हुआ था कि सुभाष बाबू के अन्य परिजन प्रधानमंत्री आवास आएंगे..पिछले हफ्ते, मुझे यह जानकारी मिली कि सुभाष बाबू के परिवार के 50 से अधिक सदस्य प्रधानमंत्री आवास आ रहे हैं.’’

परिवार के सदस्यों द्वारा केंद्र के पास मौजूद नेताजी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग किए जाने की संभावना है क्योंकि पश्चिम बंगाल सरकार इस तरह की 64 फाइलों को पहले ही सार्वजनिक कर चुकी है.

नेताजी के पौत्र चंद्र बोस ने कहा है कि उनका परिवार मोदी से अपील करेगा कि वह रूस, जापान, चीन, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर और मलेशिया को नेताजी से संबंधित उनके पास मौजूद सभी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए पत्र लिखें.

उन्होंने कहा था, ‘‘नेताजी इन सभी देशों में लोगों के संपर्क में थे. उन सबके पास उनसे संबंधित गोपनीय फाइलें हैं. फाइलों को सार्वजनिक कराने के इस आंदोलन को हम वैश्विक स्तर तक ले जाना चाहते हैं, ताकि सभी सुराग मिल सकें.’’

नेताजी के एक अन्य पौत्र अभिजीत राय ने कहा था, ‘‘हमारा मुख्य ध्यान, हालांकि, भारत सरकार के पास मौजूद नेताजी से संबंधित सभी फाइलों को सार्वजनिक कराने पर होगा. यदि हमारे यहां फाइलें सार्वजनिक नहीं होती हैं तो फिर हम अन्य देशों से ऐसा करने के लिए कैसे कह सकते हैं.’’



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