मोदी की कूटनीति से कोई फायदा नहीं हुआ: मनीष तिवारी

Last Updated 10 Oct 2015 03:35:23 PM IST

कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की आलोचना करते हुए कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ बैठकों समेत मोदी की 14 महीनों की कूटनीति से भारत को कोई फायदा नहीं हुआ है.


कांग्रेस नेता मनीष तिवारी

  
पूर्व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री तिवारी ने कहा, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री ने पिछले 14 महीनों में 29 बार विदेश यात्राएं की, यानी एक महीने में दो. आगामी तीन महीनों में उनकी आठ और विदेश यात्राओं की योजना है. वास्तविकता यह है कि इससे कूटनीति के दिखावे के अलावा कुछ नहीं हुआ, किसी भी विदेश यात्रा से कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ.’’
   
तिवारी इस समय अमेरिका में हैं. उन्होंने शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल द्वारा ‘डेमोक्रेसी रीबूटेड- द फ्यूचर ऑफ टेक्नोलॉजी इन इलेक्शन’ विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही.
   
तिवारी ने मई 2014 से भारत और अमेरिका के संबंधों की स्थिति के बारे में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से पांच बार मुलाकात की. वह किसी भी बैठक से कोई भी बड़ा लाभ लेकर नहीं आए. भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु करार के बाद इस बारे में कोई भी एक निश्चित सोच नहीं है कि इन संबंधों को अगले स्तर पर कैसे ले जाया जाए. दरअसल संबंधों के बारे में कोई भी नई सोच नहीं है.’’
   
कांग्रेस के नेता ने कहा, ‘‘यह सब इसके बावजूद है, जब भारत ने एशियाई सुरक्षा की अमेरिकी सोच को लगभग स्वीकार कर लिया है. वह (मोदी सरकार) अमेरिका से कुछ भी ठोस लेकर नहीं आ पाए है.’’
   
तिवारी ने भारतीय समुदाय के साथ जुड़ने के मोदी के प्रयास, विशेषकर हजारों लोगों की मौजूदगी वाली सभा को प्रधानमंत्री द्वारा संबोधित किए जाने का जिक्र करते हुए कहा कि भारत को इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ.
   
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी की 14 महीने की कूटनीति से भारत को कुल मिलाकर कोई लाभ नहीं हुआ.’’
   
तिवारी ने कहा, ‘‘कृपया करके कूटनीति को दिखावा बनाना बंद करें.’’
   
उन्होंने कहा, ‘‘इसका सबसे सटीक उदाहरण है कि वह पाकिस्तान के साथ संबंधों से जुड़े मुद्दों से किस तरीके से निपटे हैं.’’
   
तिवारी ने कहा, ‘‘अमेरिका पाकिस्तान के साथ एक असैन्य परमाणु करार के बारे में बात कर रहा है.
   
उन्होंने कहा, ‘‘विदेश नीति किसी पार्टी के एक वैचारिक मामले से जुड़ी होती है जिसके जरिए आप दुनिया को देखते हैं इसलिए भारत हो या देश की विदेश नीति, कांग्रेस और भाजपा के विचार अलग अलग हैं.’’
   
कांग्रेस नेता ने देश के विभिन्न हिस्सों में हुई हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यह भारत के मूल्यों पर हमला है.
   
उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के मूल्यों पर हमला है. दरअसल फासीवादी और नाजीवादी ताकतें भारत की बहुलवादी प्रकृति को अपने पैरों तले रौंद रही हैं.’’
   
तिवारी ने कहा, ‘‘एक बहुलवादी राष्ट्र के रूप में भारत की एक बुनियादी पहचान है जिसने पिछले 67 वर्षों से अपने कदम जमाए हुए हैं. दुर्भाग्यवश सरकार और उसके वैचारिक आका इस बुनियादी हकीकत को बदलना चाहते हैं.’’
   
उन्होंने दादरी में एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार दिए जाने की घटना के बारे में कहा ‘‘गौमांस खाने की अफवाह के कारण पीट-पीट कर जानबूझकर की गई हत्या की घटना पूर्व नियोजित थी, जिसका मकसद बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर समाज का ध्रुवीकरण करना था.’’
   
उन्होंने कहा कि भाजपा ने विकास के बारे में बात करने के बजाए धार्मिक मुद्दों पर लोगों का ध्रुवीकरण करने के अपने प्रयास फिर से शुरू कर दिए हैं.
   
इससे पूर्व दिन में तिवारी ने अटलांटिक काउंसिल को संबोधित करते हुए कहा कि सुरक्षा कारणों से भारत इंटरनेट वोटिंग के लिए तैयार नहीं है.
   
उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत बेकार विचार है.’’



Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment