वैष्णो मंदिर में नकली जेवरात चढ़ाने के मामले में सक्रिय हुआ पीएमओ

Last Updated 22 Dec 2014 06:39:14 AM IST

करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र माता वैष्णो देवी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले सोने-चांदी के जेवरात ने नकली पाए जाने के मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया है.


वैष्णो मंदिर में नकली जेवरात चढ़ाने पर पीएमओ सक्रिय (फाइल फोटो)

इस बाबत मिली एक शिकायत को गृह मंत्रालय के पास समुचित कार्रवाई के लिए भेजा गया है. मालूम हो कि विश्व प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन के लिए हर साल लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. अपने सामर्थ्य एवं श्रद्धा के मुताबिक यहां आने वाले श्रद्धालु चढ़ावा भी चढ़ाते हैं, जिनमें रुपए-पैसे से लेकर बेशकीमती जेवरात भी होते हैं.

हैरानी की बात यह है कि यहां चढ़ाए गए सोने-चांदी के जेवरात में एक बड़ी मात्रा नकली जेवरों की है. यह खुलासा होने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. परंतु श्राइन बोर्ड ने इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

दरअसल, एक आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार ने श्राइन बोर्ड से मंदिर में चढ़ाए जाने वाले चढ़ावे की विस्तृत जानकारी मांगी थी. उस पर 30 दिसम्बर 2013 को उन्हें जो जबाव मिला वह हैरान करने वाला था. चूंकि उन्हें मिली जानकारी के मुताबिक, मां वैष्णो देवी मंदिर में चढ़ाया गया 43 किलोग्राम सोना और 57 सौ किलोग्राम चांदी नकली बताई गई.

इसके बाद सवाल उठने लगे कि आखिर कोई व्यक्ति श्रद्धा स्वरूप नकली जेवरात क्यों चढ़ाएगा? ऐसा भी नहीं है कि सोने-चांदी की खेती होती हो और उन्हें खेत में कोई कीड़ा काट गया हो. आरटीआई कार्यकर्ता ने श्राइन बोर्ड से मिली जानकारी पर सवाल उठाते हुए आगे की कार्यवाही शुरू की.

जब कहीं से संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उन्होंने मामले की जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को एक शिकायती पत्र लिखा. यह पत्र गत जून को लिखा गया. जिसमें आरोप लगया गया कि इस गड़बडझाले में श्राइन बोर्ड के आधिकारियों व स्टाफ के अलावा एमएमटीसी के मुख्य महाप्रबंधक की भी भूमिका संदिग्ध है.

एमएमटीसी भारत सरकार का एक उपक्रम है. इस पूरे मामले के सामने आने से उन श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी चोट पहुंची है जो अपनी गहरी आस्था के चलते मां के दर्शन करने आते हैं और अपने सामर्थ्य के मुताबिक चढ़ावा चढ़ाते हैं.

प्रधानमंत्री कार्यालय को लिखे पत्र में आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं लिहाजा उन्हें इस गड़बड़झाले की गहराई से जांच करानी चाहिए. इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट ने श्राइन बोर्ड के चेयरमैन समेत चार लोगों को कठघरे में खड़ा किया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस मामले पर उचित कार्रवाई के लिए बीती 28 नवम्बर को गृहमंत्रालय को पत्र भेजा है.

 

सतीश वर्मा
एसएनबी


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