'RTE पर अमल की समयसीमा नहीं बढ़ेगी'
सरकार ने शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून लागू करने की समयसीमा को मार्च 2013 से आगे बढ़ाये जाने की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया.
![]() 'RTE पर अमल की समयसीमा नहीं बढ़ेगी' (फाइल फोटो) |
कई राज्यों में स्कूलों में आधारभूत संरचना एवं कायरें पर पूरी तरह से अमल किया जाना अभी शेष है, इसके कारण कुछ राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने यह मांग की थी.
मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने आज कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने आरटीई की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी लेकिन अन्य राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने इसे बढाये जाने के विचार का समर्थन नहीं किया.
केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की बैठक के बाद राजू ने संवाददाताओं से कहा कि इन राज्यों को आरटीई के मापदंडों के अनुरूप स्कूली आधारभूत संरचना को सुदृढ बनाने के प्रयासों को दोगुणा करना होगा क्योंकि हम इस कानून को कमजोर बनाना नहीं चाहते हैं.
केंद्रीय शिक्षा सलहकार बोर्ड :केब: की बैठक के दौरान राजू ने कहा कि देश के सभी राज्यों ने शिक्षा का अधिकार कानून को अधिसूचित कर दिया है लेकिन शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने समेत कई अन्य कायरें को अभी पूरा किया जाना शेष है.
ऐसी मांग की गई थी कि आरटीई पर अमल की समयसीमा को दो वर्ष बढ़ाकर 2015 तक किया जाये.
बहरहाल, राजू ने कहा कि योजना आयोग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के दृष्टि पत्र में शिक्षा को सामाजिक एवं आर्थिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण कारक माना है.
मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘ दृष्टि पत्र में कहा गया है कि ज्ञान और कौशल से सम्पन्न शिक्षित आबादी न केवल आर्थिक विकास में सहयोगी हो सकती है बल्कि समावेशी विकास की पूर्व शर्त है. क्योंकि शिक्षित और दक्ष व्यक्ति रोजगार के अवसरों का लाभ उठा सकता है.’’
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