'सूर्योदय के समय सूर्यास्त हुआ'

Last Updated 24 Jan 2011 01:47:58 PM IST

पंडित भीमसेन जोशी के निधन पर राजनीति से लेकर संगीत की दुनिया के दिग्गजों ने दुख प्रकट किया है.


प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के प्रमुख हस्ताक्षर पंडित भीमसेन जोशी के निधन पर शोक जताते हुए इसे राष्ट्रीय क्षति बताया.

सिंह ने एक शोक संदेश में कहा, "भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी के निधन पर मुझे दुख है. यह एक राष्ट्रीय क्षति है."

प्रधानमंत्री ने जोशी को महानतम संगीतज्ञों में से एक बताते हुए कहा, "दुनिया भर के लाखों करोड़ों संगीत प्रेमियों ने संगीत की इस विलक्षण प्रतिभा के गायन का लुत्फ उठाया और लुत्फ उठाना जारी रखेंगे."

अपूर्णीय क्षति: गहलोत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सुप्रसिद्ध हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक और भारत रत्न से सम्मानित पंडित भीमसेन जोशी के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की है.

गहलोत ने कहा कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के महान स्तंभ जोशी किराना घराने के महत्वपूर्ण गायक थे. उनकी गायकी में दमदार आवाज, सहज अभिव्यक्ति, शुद्धता और परम्परागत शास्त्रीय शैली का पुट था.

गहलोत ने कहा कि जोशी ने शास्त्रीय गायन को देश-विदेश में लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बड़ी संख्या में उनके शिष्य आज भी देश विदेश में भारतीय शास्त्रीय संगीत की सेवा कर रहे हैं.

संगीत के कोहिनूर थे
पंडित भीमसेन जोशी के निधन से शोकग्रस्त भारतीय संगीत जगत ने उन्हें हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का एक 'कोहिनूर' करार दिया.

पंडित जसराज ने कहा कि सुबह सुबह पंडित जी के निधन की खबर सुन कर वह स्तब्ध रह गए. उन्होंने कहा "यह सूर्योदय के समय सूर्यास्त था".

जसराज ने कहा "वह किसी एक घराने से संबद्ध नहीं थे बल्कि पूरे हिन्दुस्तानी संगीत की दुनिया से उनका जुड़ाव था. जोशी ने पिछले कई दशकों से संगीत प्रेमियों को दीवाना बना रखा था."

पंडित सतीश व्यास ने जोशी को हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत का "कोहिनूर" करार दिया. उन्होंने कहा "शास्त्रीय संगीत का मतलब एक वर्ग विशेष से होता है. लेकिन पंडित जी ने सभी अवरोध दूर करते हुए संगीत को आम आदमी से जोड़ा. संगीत के लिए उन्होंने महान योगदान दिया है."

गायकों में सुरेश वाडकर और आरती अंकलीकर टिकेकर ने भी शास्त्रीय संगीत के इस शिखर पुरूष के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके निधन से रिक्त हुए स्थान को भरना मुश्किल होगा.

भजन और ग़ज़ल गायक अनूप जलोटा ने कहा "एक सप्ताह पहले मैंने अपने पिता को खोया और अब पंडित जी नहीं रहे. भजन और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत की इन दो प्रख्यात हस्तियों ने कई कार्यक्रम एक साथ पेश किए थे. ऐसा लगता है जैसे भारतीय संगीत अनाथ हो गया हो."

शास्त्रीय गायिका बेगम परवीन सुल्ताना ने जोशी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा "वह मेरे लिए बड़े भाई की तरह थे. वह ऐसी हस्ती थे जिन्होंने हमें महाराष्ट्र से परिचित कराया."

गायक शौनक अभिषेकी ने कहा कि जोशी हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के "भीष्म पितामह" थे. उन्होंने कहा "वह इस क्षेत्र के अमिट हस्ताक्षर हैं और अपने समर्पण, लगन तथा संगीत के लिए प्रतिबद्धता की वजह से उन्होंने यह स्थान हासिल किया."

गायक और संगीतकार शंकर महादेवन ने कहा कि पंडित जी के निधन के साथ ही भारतीय शास्त्रीय संगीत के एक युग का अवसान हो गया. उन्होंने कहा "माना जाता है कि शास्त्रीय संगीत आम लोगों को अपील नहीं करता. लेकिन अपने संगीत की सर्वोच्च क्षमता तथा अपने व्यक्तित्व की आभा से उन्होंने खुद को आम आदमी से जोड़ लिया था."

बांसुरी वादक राकेश चौरसिया ने जोशी के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि वह अपने आप में एक संस्थान थे.

शास्त्रीय गायिका शुभा मुद्गल ने कहा "वह एक किवदंती और संगीत के सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरक व्यक्तित्व थे."



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