योगासन के लिए चुने सही जगह...
योग में तन-मन की शांति की अद्भुत क्षमता है. पर योग से फायदा तभी होता है जब उसका अभ्यास सही जगह और सही तरीके से किया जाए.
![]() योग (फाइल) |
यदि आप योग के फायदों के बारे में इंटरनेट पर पढ़ेंगे तो आपको ऐसे अनगिनत लेख मिलेंगे, जो न सिर्फ योग के फायदों के बारे में बता रहे होंगे बल्कि इसकी लोकप्रियता का भी गुणगान कर रहे होंगे.
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि ज्यादा से ज्यादा लोग उन समस्याओं के उपाय योग के जरिए ढूंढने की कोशिश कर रहे हैं, जो मुख्यत: उनके शेडय़ूल और चुनौतीपूर्ण लाइफस्टाइल की वजह से हैं.
योग में शारीरिक और मानसिक शांति की अद्भुत क्षमता होती है. जहां कुछ लोग सिर्फ शारीरिक जरूरतों की वजह से योग का अभ्यास कर रहे हैं तो कुछ इसके जरिए मानसिक शांति की खोज में लगे हुए हैं.
योग हर व्यक्ति की अपनी जरूरत
योग का अभ्यास हर व्यक्ति अपनी-अपनी जरूरतों और शारीरिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर करता है. योग यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्ति का दिमाग स्वाभाविक तौर पर सक्रिय और गतिशील रहे, वहीं उसका आंतरिक पक्ष भी शांत रहे.
हालांकि, वे सभी लोग जो अपने घर पर योग का अभ्यास करते हैं, क्या वे सब सही मायने में इसका लाभ ले पा रहे हैं? क्या उन सारे लोगों को शारीरिक और मानसिक शांति मिल रही है, जिसकी उन्हें चाहत है?
यदि वास्तुशास्त्र में किए गए लिखित शोध कार्यों पर गौर करें तो हमें पता चलता है कि योग के लाभ तभी मिलते हैं, जब उसका अभ्यास सही जगह पर किया जाए.
जहां मन को मिले शांति
सही जगह वह है, जहां पंच तत्वों में असंतुलन न हो, जहां मन शांति महसूस करता हो और जहां शरीर भी आराम महसूस करे. योग का अभ्यास करते समय यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इसके अभ्यास से शरीर और मन प्रबुद्धता के स्तर तक पहुंच जाए.
यही वजह है कि योग का अभ्यास घर की किसी भी दिशा में बने किसी भी कमरे में नहीं किया जा सकता. वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर को 16 दिशा-क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है. हर दिशा-क्षेत्र का एक उद्देश्य है और उसी के अनुरूप निर्धारित गतिविधियों को इन क्षेत्रों में किया जा सकता है.
दक्षिण दिशा आराम और योग के लिए उचित
उदाहरण के लिए, दक्षिण-पश्चिम दिशा क्षेत्र डिस्पोजल का वास्तु जोन है और कूड़े-कचड़े को फेंकने के लिए यह आदर्श क्षेत्र है, न कि योग करने के लिए. इसी तरह, दक्षिण दिशा आराम और योग के लिए उचित है और योग व ध्यान के लिए इसे अच्छा और सही माना गया है. यही वह वास्तु दिशा-क्षेत्र है, जहां मन और शरीर पूरी तरह से शांति और राहत महसूस करते हैं और व्यक्ति स्व के साथ वास्तविक तौर पर जुड़ाव महसूस करता है.
यदि आप ध्यान के उद्देश्य से योग कर रहे हैं तो मानसिक स्पष्टता और प्रज्ञा का वास्तु दिशा-क्षेत्र, उत्तर-पूर्व आपको बेहतरीन परिणाम देगा.
किसी भी कमरे में योग के लिए मैट न बिछाए
यदि आप अपने घर के किसी भी कमरे में योग के लिए मैट बिछा रहे हैं तो तुरंत यह काम बंद कर दीजिए और इस बात का पता लगाइए कि आपके घर में विद्यमान 16 वास्तु दिशा क्षेत्रों में किस तरह की गतिविधियां की जा रही हैं. और यदि आपको दक्षिण क्षेत्र बिल्कुल साफ मिल रहा है तो अपने योग मैट को हमेशा के लिए यहीं रख दीजिए और इसी क्षेत्र में योग का अभ्यास कीजिए.
जल्दी ही आपको योग के सकारात्मक प्रभावों का अहसास होना शुरू हो जाएगा. सही दिशा में सही अभ्यास ही भावनात्मक दृष्टिकोण को बदलने के लिए प्रोत्साहित करेगा. यह चिंता के व्यवहार को साहस, अनिर्णय की स्थिति को सकारात्मक निर्णय लेने की क्षमता और भावनात्मक अस्थिरता को मानसिक संतुलन में बदल देगा.
Tweet![]() |