परीक्षा में मदद करता है योगासन
परीक्षा के दौरान योगासन करने से एकाग्रता बढ़ती है, पढ़ने की शक्ति बढ़ती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और क्रोध तथा तनाव कम होता है.
![]() योगासन (फाइल) |
परीक्षा के दौरान अगर छात्र योग का सहारा भी लें तो वह मानसिक तनाव और चिड़चिड़ाहट से बच सकते हैं. इन सबसे बचने के लिये प्राणायाम, ध्यान, शवासन, योगनिद्रा आदि प्रमुख हैं.
इन आसनों को करने से एकाग्रता बढ़ती है, पढ़ने की शक्ति बढ़ती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और क्रोध तथा तनाव कम होता है. इसके अलावा अनुशासन में रहने की आदत बन जाती है.
नियमित योग करना चाहिए
एक विद्यार्थी को अपने जीवन को नियमित करके योग करना चाहिए. जब योग करते हैं तो साधक को उसके स्वास्थ्य, शक्ति और स्वभाव के अनुसार इसे करना चाहिए.
उपरोक्त लाभ के अतिरिक्त आंखों की थकान कम होती है, मोटापा (अनावश्यक चर्बी) कम होती है, उर्जा शक्ति बढ़ती है एवं परीक्षा का भय कम होता है.
परीक्षा हाल में मन को करें संतुलित
मनुष्य में शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक संतुलन बना रहता है. परीक्षा हाल में विद्यार्थी को प्रश्नपत्र मिलने के पहले सीधा बैठकर ओम का पांच बार उच्चारण मन ही मन में करना चाहिए.
20 बार लंबी गहरी सांस लेना चाहिए. फिर परीक्षा देना शुरू करना चाहिए. विशेषज्ञ की सलाह से योग करने से और अधिक लाभ उठाया जा सकता है.
विद्यार्थियों के लिए योगासन
विद्यार्थियों को ताड़ासन, पर्वतासन, पवनमुक्तासन, शशांकासन, योगमुद्रा, भुजंगासन, सर्पासन, मकरासन, सेतुबंध, भ्रामरी कपालभांति, भस्त्रिका योगेन्द्र (अनुलोम-विलोम) प्राणायाम, शीतली, शितकारी आदि करना चाहिए.
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