आटिज्म के इलाज की जगी नई उम्मीदें

Last Updated 09 Sep 2011 03:54:05 PM IST

आटिज्म से जुड़े दो अलग अलग जैविक तनाव का पता चला है दावा है कि इससे बीमारी के प्रभावी इलाज का विकास हो सकेगा.


पहली बार एक बड़ी खोज में वैज्ञानिकों को आटिज्म से जुड़े दो अलग अलग जैविक तनाव का पता चला है जिनके बारे में उनका दावा है कि इससे बीमारी के प्रभावी इलाज का विकास हो सकेगा.

इन खोजों की तुलना 1960 के दशक में हुई कैंसर के विभिन्न प्रकारों की खोजों से की जा रही है और इनसे उम्मीद जागी है कि इनसे आटिज्म ग्रस्त बच्चों के संपर्क, सामाजिकरण और अन्य समस्याओं को ज्यादा आसानी और जल्दी से निपटा जा सकेगा.

 कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय के डेविस माइंड इंस्टीट्यूट के अनुसंधानकर्ताओं ने दो से ढाई साल के उम्र के करीब 350 शिशुओं के दिमागी विकास, अनुवाशिंक बनावट और आसपास के वातावरण का अध्ययन किया.

अध्ययन के मुताबिक शिशुओं के एक समूह-जिनमें सभी लड़के थे-के दिमाग बड़े पाए गए और 18 महीने के होने के बाद ज्यादातर में आटिज्म के लक्षण पाए गए जबकि एक अन्य समूह में प्रतिरक्षा प्रणाली को सही काम करते नहीं पाया गया.

अध्ययन दल के अगुवा प्रो. डेविड अमराल ने कहा कि इन खोजों से ज्यादा वैयक्तिक इलाज में मदद मिलगेी .

 



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