World Hepatitis Day 2023: जागरूक रहें‚ सावधान रहें‚ हेपेटाइटिस से ऐसे बचें

Last Updated 28 Jul 2023 12:46:35 PM IST

हर साल 28 जुलाई को विश्व हेपाटाइटिस दिवस मनाया जाता है। हेपेटाइटिस लिवर से जुड़ी बीमारी है, जो संक्रमण, अल्कोहल के अधिक सेवन, कुछ खास दवाओं के अधिक उपयोग और दूषित खान पान से फैलती है।


हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में जानकारी का अभाव किसी भी व्यक्ति को बीमार कर सकता है। इसलिए जागरूक रहें‚ सावधान रहें और हेपेटाइटिस से बचे रहें। यह कहना है सेक्टर–39 स्थित संयुक्त जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ प्रदीप शैलत का।

डॉ प्रदीप का कहना है कि हेपेटाइटिस का उपचार व रोकथाम दोनों संभव है। हेपेटाइटिस के इलाज में लापरवाही से लिवर कैंसर का खतरा हो सकता है। भलाई इसी में है कि सावधान रहकर इससे बचे रहें। यदि बीमारी हो जाए तो तुरंत उपचार लें। अनदेखी जीवन के लिए भारी पड़ सकती है।

उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस को कई प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है‚ जिसमें हेपेटाइटिस ए‚ बी‚ सी‚ डी व ई शामिल हैं। हेपेटाइटिस का प्रकार एक अलग वायरस के कारण होता है और संचरण और गंभीरता के अलग–अलग तरीके होते हैं। उन्होंने कहा कि जन्म के तुरंत बाद शिशु को हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सरकार ने वर्ष 2030 तक देश से हेपेटाइटिस वायरस का उन्मूलन करने की योजना बनाई है। इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम साल २०१८ में शुरू किया गया था। हर साल लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देने व जागरूक करने के लिए 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिसस दिवस मनाया जाता है।

डॉ शैलत ने बताया हेपेटाइटिस ए मुख्यरूप से दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलता है। यह अल्पकालिक (कम समय) संक्रमण है। यह दो से तीन सप्ताह में ठीक हो जाता है। हेपेटाइटिस बी संक्रमित खून या शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। यह लिवर क्षति‚ सिरोसिस या लिवर कैंसर का कारण बन सकता है। इसको रोकने में टीकाकरण काफी हद तक प्रभावी है। हेपेटाइटिस सी मुख्यरूप से खून का खून से संपर्क होने से फैलता है। अक्सर नशा करने वाले लोग एक ही सुई का इस्तेमाल कर लेते हैं‚ जिससे इसके फैलने की आशंका ज्यादा होती है। इसके अलावा संक्रमित खून चढ़ाने से खतरा होता है। हेपेटाइटिस सी लिवर की पुरानी बीमारी का कारण बन सकता है। इससे सिरोसिस या कैंसर का खतरा भी हो सकता है। इसके इलाज के लिए एंटीवायरल दवा का सेवन करना होता है।

उन्होंने बताया हेपेटाइटिस डी केवल उन्हीं व्यक्तियों को होता है जो पहले से ही हेपेटाइटिस बी से संक्रमित हैं। हेपेटाइटिस डी गंभीर लिवर क्षति का कारण बन सकता है। इसे वायरल हेपेटाइटिस का सबसे गंभीर रूप माना जाता है। हेपेटाइटिस ई भी हेपेटाइटिस ए की तरह दूषित पानी या भोजन के सेवन से फैलता है।

हेपेटाइटिस ई से संक्रमित गर्भवती में गंभीर जटिलताओं का खतरा अधिक होता है। सुरक्षित पानी व खाद्य पदार्थों का ध्यान रखकर इससे बचा जा सकता है। इसके अलावा बिना प्रोटेक्शन के यौन संबंध न बनाएं‚ ब्लेड या रेजर किसी के साथ शेयर न करें‚ हेपेटाइटिस का टीकाकरण जरूर करवाएं। लिवर का ध्यान रखें‚ खाद्य पदार्थों में तेलीय वस्तुओं डिब्बा बंद खाद्य पदार्थों से दूर रहें‚ तंबाकू धूम्रपान के सेवन से बचें।

समय लाइव डेस्क
नई दिल्ली


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