CoronaVirus: वर्क फ्रॉम होम- 'सोशल डिस्टेंसिंग’ का एक कारगर उपाय

Last Updated 10 Apr 2020 11:51:30 AM IST

कोरोना वायरस और न फैले‚ पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। ऐसे में इन दिनों वर्क फ्रॉम होम का चलन बढ़ गया है।


चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस आज पूरे विश्व के लिए महामारी बन चुका है। भारत में इसके संक्रमण के पांच हजार के पार हो गए हैं। अब तक 190 से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में आने से अपनी जान गवा चुके हैं। वहीं दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों का आंकड़ा 90 हजार के पार हो चुका है। साथ ही संक्रमण के मामले भी बढ़कर साढ़े 15 लाख से ऊपर पहुंच गए हैं।

कोरोना वायरस और न फैले‚ इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। साथ ही लोगों को भीड़–भाड़ वाली जगहों से बचने और घर पर रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में कोरोना वायरस के कहर के चलते ही इन दिनों वर्क फ्रॉम होम का चलन एक बार फिर से बढ़ गया है। ये उपाय कोरोना से जंग में कारगर साबित हो रहा है॥। केंद्र सरकार‚ राज्य सरकारें और देश की बड़ी से बड़ी प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह दे रही हैं।

वैसे तो वर्क फ्रॉम होम का चलन काफी पुराना है। दरअसल‚ साल 1973 में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक इंजीनियर जैक नाइल्स ने एक नया शब्द दिया था टेलीकम्यूटिंग‚ जिसका मतलब होता है कहीं से भी बैठकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की मदद से काम करना। उस समय नाइल्स ने कहा था कि इस तरह से काम करने का चलन आने वाले 20 साल में आम हो जाएगा। इसके बाद से दुनिया भर के कई ऑफिस में गए बिना ही काम होने लगा और एक नया टर्म आया वर्क फ्रॉम होम।

हालांकि विदेशों में ही नहीं भारत में भी वर्क फ्रॉम होम का चलन काफी पुराना रहा है। यहां कई ऐसी कंपनियां हैं जो लोगों को घर बैठे काम करने और पैसे कमाने का सुनहरा मौका देती हैं। वहीं इन दिनों कोरोना वायरस के चलते दुनियाभर में जो हालात हैं उससे बचने के लिए वर्कफ्रॉम होम को बेस्ट ऑप्शन माना जा रहा है। हालांकि वर्क फ्रॉम होम का लाभ सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। इसके और भी कई फायदे हैं। दरअसल‚ जितना ज्यादा लोग घरों में रहकर काम करेंगे उतना ही सड़कों पर गाडि़यों की आवाजाही कम होगी। इससे पेट्रोल और डीजल की बचत होने के साथ सड़कों पर जाम की नौबत कम आएगी। सड़क दुर्घटनाओं के मामले भी घटेंगे और लोग अपने घरों में सुरक्षित रह सकेंगे। यही नहीं गाडि़यों से निकलने वाले धुंए से होने वाले प्रदूषण से भी पर्यावरण को बचाया जा सकेगा।

हाल ही में पता चला कि वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर' के मुताबिक‚ कोरोना लॉकडाउन के चलते नेचर को रिवाइव होने का भरपूर मौका मिला है। इतना ही नहीं देश के 102 प्रदूषित शहरों में से इस समय 85 शहरों की हवा बिल्कुल शुद्ध हो चुकी है। वहीं दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में शुमार आनंद विहार में भी हवा साफ है। इसके दो फायदे हैं। लोगों की उम्र बढ़ेगी और दवाइयों का खर्च भी घटेगा। उधर‚ पर्यावरणविदों का मानना है कि 21 दिन तक लॉकआउट के बाद कोई शहर ऐसा नहीं रह जाएगा जिसकी वायु गुणवत्ता खराब होगी। इन सब के अलावा वर्क फ्रॉम होम आपके कीमती समय की काफी हद तक बचत कर सकता है।

दरअसल‚ हर दिन घर से ऑफिस पहुंचने के बीच रास्ते में ही एक–डेढ़ घंटे का समय लग जाता है और अगर ट्रैफिक मिल जाए तो फिर समय का कुछ कहा नहीं जा सकता। इस तरह अगर देखा जाए तो दिन के चार–पांच घंटे सिर्फ ट्रैवलिंग में ही निकल जाते हैं। लेकिन वर्कफ्रॉम होम में आसानी से इस समय का उपयोग कर अधिक काम किया जा सकता है।

वर्क फ्रॉम होम का एक फायदा यह भी है कि इसमें अपने काम की टाइमिंग को लेकर काफी फ्लेक्सिबल रहा जा सकता है। यानी सुबह की ताजा हवा और फ्रेश माइंड से थोड़ा काम किया जा सकता है। उसके बाद ब्रेकफास्ट और एक छोटा सा ब्रेक लेकर फिर से काम शुरू किया जा सकता है। साथ ही यह एक ही जगह पर बैठकर नौ से दस घंटे तक काम करने से भी बचाता है। न ही ऑफिस में बैठकर पूरा दिन काम करने की कंडीशन रहती है। आप अपने घर के किसी भी कोने को अपना ऑफिस बना सकते हैं। फिर चाहें वह बालकनी हो या बेडरूम‚ लिविंग रूम हो या गार्डन।

इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम करने से पैसों की भी आसानी से बचत की जा सकती है। क्योंकि रोजाना ऑफिस आने–जाने में या टी टाइम में जब आपको हल्की भूख लगती है तो आप कैंटीन में कुछ खाते हैं‚ जिसमें आपका पैसा खर्च होता है। ऐसे में देखा जाए तो घर पर रहकर काम करने से आप अपने पैसों को भी बचा सकते हैं। इसके अलावा सरकार व कंपनियों को भी इसका फायदा है क्योंकि जब कर्मचारियों को एक बड़़ा हिस्सा घर से काम करेगा तो उनके लिए कम ऑफिस स्पेस की जरूरत पड़े़गी। ऐसे में उनको बड़े़ स्पेस वाले आफिसों की जरूरत नहीं रहेगी और कम स्पेस वाले कार्यालयों से भी उनका काम आसानी से चल जाएगा। इससे दो फायदे होंगे। एक तो जहां उन्हें कम स्पेस वाले कार्यालय का किराया कम देना होगा वहीं आवास के लिए ज्यादा स्पेस उपलब्ध होगा। इससे महानगरों में आवासीय समस्या से भी कारगर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी।

इस महामारी के समय वर्क फ्राम होम का तरीका जो एक विकल्प बनकर तेजी से उभरा है‚ इसे इस महामारी के जाने के बाद प्रभावी तरीके से बड़े़ स्तर पर अपनाए जाने की जरूरत है‚ तभी सही मायने में हम इसके लाभों को सदा के लिए हासिल कर पाएंगे।

ज्योति सिंह
नई दिल्ली


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