कैसे समझें कि आपका कोलेस्ट्रॉल बढ़ गया है? जानें

Last Updated 14 Oct 2019 12:16:39 PM IST

कोलेस्ट्रॉल की चर्चा होते ही आम आदमी के जेहन में एक भयपूर्ण आशंका पैदा हो जाती है। कोलेस्ट्रॉल के बारे में सजग और सतर्क रहना हमारे जीवन, हमारे हृदय के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है।


प्रतिकात्मक फोटो

इस संदर्भ में हमारे संवाददाता ने श्रीनाथ चिकित्सालय भगवतदास घाट कानपुर के मुख्य चिकित्सक आयुर्वेदाचार्य डॉ. रवीन्द्र पोरवाल से बातचीत की। बातचीत के प्रमुख अंश प्रस्तुत है।

कोलेस्ट्रॉल क्या है : मनाव जीवन के लिए अतिमहत्वपूर्ण यह मोम जैसा चिकना वसा पदार्थ है।

कोलेस्ट्रॉल का शरीर में क्या काम है: यह हमारी कोशिकाओं की दीवारों, विटामिन-डी, बाइल जूस के साथ सेक्स हार्मोन्स के निर्माण में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जब कोलेस्ट्रॉल उपयोगी है तो खतरनाक क्यों माना जाता है : कोलेस्ट्रॉल का हमारे स्वस्थ्य जीवन के लिए बहुत बड़ा योगदान है किन्तु जब इसकी मात्रा हमारे शरीर की जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है तब यह हमारी धमनियों में इकट्ठा होकर ब्लाकेज पैदा करके हृदय को हानि पहुंचाता है इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल की बढ़ी हुई मात्रा मस्तिष्क, आंख, हृदय, गुर्दे लीवर आदि अंगों को नुकसान पहुंचाती है।

कोलेस्ट्रॉल की जांच कैसे होती है : कोलेस्ट्रॉल की जांच खून का नमूना लेकर लैब में लिपि प्रोफाइल के परीक्षण के लिए दिया जाता है। इस परीक्षण में टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, एलडीएल, एचडीएल एवं वीएलडीएल की रिपोर्ट मिलती है।

कोलेस्ट्रॉल की जांच में कोई सावधानी रखनी पड़ती है : हां, लिपिड परीक्षण से पूर्व सन्ध्या पर सात्विक हल्का भोजन लें। तली मसालेदार भोजन जंक फूड फास्ट फूड चाट पूड़ी पराठे आदि लिपिड परीक्षण के पूर्व संध्या पर बिल्कुल न लें अन्यथा परीक्षण रिपोर्ट भ्रमित कर सकती है। लिपिड जांच के लिए रक्त देते समय 12 घण्टे पूर्व में कुछ भी न खाएं न पिएं यहां तक कि चाय भी नहीं। बारह घंटे की फास्टिंग के बाद ही परीक्षण कराएं।

कोलेस्ट्रॉल जीवन की डोर को हिला न दे, इसके लिए क्या सावधानी : सेहत के प्रति जिम्मेदार बनें। रक्तचाप 120-80 mm/Hg, रक्त क्लूकोज भोजन के दो घण्टे बाद 100-140 के मध्य रहे, मोटापा बढ़ने न दें, बीएमआई 25 से कम रखें। किसी प्रकार का नशा धूम्रपान शराब चाय काफी कोल्डड्रिंक से दूरी बनाए अपने टोटल कोलेस्ट्रॉल को 150 mg/dl, खराब कोलेस्ट्रॉल एलडीएल को 100 mg/dl तथा अच्छा मित्र कोलेस्ट्रॉल एच.डी.एल. की मात्रा 50-80 mg/dl के स्तर पर रखे। क्षारीय अहार लें, सेंधा नमक का प्रयोग और किसी भी प्रकार के रिफाइंड खाद्य तेल का प्रयोग बंद कर दें, बिना रिफाइंड कोल्हू का लाही का तेल, अलसी, तिल का तेल सर्वश्रेण्ठ है किन्तु बिना रिफाइंड मूंगफली, पीली सरसों का तेल भी अच्छा माना जाता है।

क्या आहार में सावधानी रखनी चाहिए : बढ़े कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए कम से कम 40-50gms फाइवर लें। पैकिंग वाले गेहूं के आटे में फाइवर न के बराबर होता है पत्तेदार सब्जी एक कटोरा भरकर सेवन करें। भोजन में काबरेहाइड्रेड 40-50% फैट 5-6% प्रोट्रीन 15-18% उचित होती है। तीन श्वेत विष चीनी, मैदा व नमक का सेवन न्यूनतम करें। गाजर का रस, आवत बढ़े कोलेस्ट्रॉल को घटाते है वहीं ताजा एलोवेरा और तुलसी पत्र का सेवन एलडीएल को कुछ ही हफ्तों में सामान्य कर देती है।

कितनी मात्रा आदर्श और सुरक्षित है?
रक्त में कुल कोलेस्ट्रॉल 200 मिलीग्राम/डेसीलीटर को सामान्य माना जाता है किन्तु मेरी धारणा है कि स्वस्थ्य व्यक्ति में इसकी मात्रा 150 मिलीग्राम/डेसीलीटर से अधिक न होने पाए। ट्राईग्लिसराइड के 150 मिलीग्राम/डेसीलीटर आदर्श मानते है किन्तु इसे भी 100 मिलीग्राम से ज्यादा हितकारी है। एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को चिकित्सक 100 से 130 मिलीग्राम/डेसीलीटर को सामान्य मानते हैं किन्तु मैं 10 मिलीग्राम/डेसीलीटर एलडीएल से कम को आदर्श मानता हूं। एचडी. यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल को 50 मिलीग्राम/डेसीलीटर श्रेष्ठ मानते हैं किन्तु यह कुल कोलेस्ट्रॉल का चौथाई भाग होना चाहिए और सामान्यत: 70-80 मिलीग्राम/डेसीलीटर एचडीएल दीर्घकालीन रोगों से बचाव का एक प्रभावशाली उपाय है। 

वीएलडीएल बैरी लो डेन्सिटी लाइपोप्रोटीन खतरनाक कोलेस्ट्रॉल है जो कि चीकट होता है इसकी मात्रा 25-30 मिलीग्राम/डेसीलीटर के सामान्य माना जाता है किन्तु यह न्यूनतम होना चाहिए।



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