भारत में करीब 1 लाख 20 हजार बच्चे और किशोर एचआईवी संक्रमण से पीड़ित

Last Updated 01 Dec 2018 12:12:15 PM IST

यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2017 तक करीब 1 लाख 20 हजार बच्चे और किशोर एचआईवी संक्रमण से पीड़ित थे।


भारत में 2017 में एचआईवी से पीड़ित पाए गए 1 लाख 20 हजार बच्चे, किशोर (फाइल फोटो)

दक्षिण एशिया के किसी देश में एचआईवी पीड़ितों की सबसे ज्यादा संख्या है। यूनिसेफ ने चेताया है कि अगर इसे रोकने की कोशिशें तेज नहीं की गईं तो 2030 तक हर दिन दुनियाभर में एड्स की वजह से 80 किशोरों की हो मौत सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया ने बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं और माताओं में एचआईवी की रोकथाम के लिए जरूरी प्रयास किए है।

वीरवार को जारी यूनिसेफ की रिपोर्ट "चिल्ड्रन, एचआईवी और एड्स: द वर्ल्ड इन 2030" के मुताबिक पाकिस्तान में 5800, उसके बाद नेपाल में 1600 और बांग्लादेश में (1000 से कम) लोग एचआईवी का शिकार हैं।

साल 2017 में पांच साल तक की आयु वाले एचआईवी संक्रमित बच्चों की संख्या में साल 2010 की तुलना में 43 प्रतिशत की कमी आई है जबकि इसी साल 0 से 14 साल के जीवनरक्षक एंटीरेट्रोवाइरलथेरेपी (एआरटी) पा रहे पीड़ितों का हिस्सा 73 प्रतिशत था जो 2010 के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा है।

रिपोर्ट कहती है कि ताजा रूझान बताते है कि एड्स से संबंधित मौतों और नए संक्रमणों की गति धीमी हो रही है, लेकिन पुराने मामलों में कमी कम देखी जा रही है। यूनिसेफ प्रमुख हेनरिता फोरे ने कहा, रिपोर्ट से साफ होता है कि दुनिया 2030 तक बच्चों और किशोरों के बीच एड्स को खत्म करने के प्रयास पटरी पर नहीं हैं।’

 

 

भाषा
संयुक्त राष्ट्र


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