Chhath: खरना आज, आरम्भ होगा 36 घंटे का निर्जल-निराहार व्रत
लोक आस्था और ऊर्जा के स्रोत भगवान सूर्य की उपासना का चार दिवसीय अनुष्ठान ‘छठ महापर्व’ रविवार को संकल्प (नहाय-खाय) के साथ आरंभ हो गया।
Chhath: खरना आज (फाइल फोटो) |
तड़के व्रतियों और श्रद्धालुओं ने आम का दातुन कर घर-आंगन की धुलाई-सफाई की। फिर गंगा स्नान कर सूर्यदेव की पूजा की। इसके वाद घर आकर विधिपूर्वक संकल्प (नहाय-खाय) कर व्रत का श्रीगणोश किया।
बिना पंडित-पुरोहित के होने वाले इस पर्व में नहाय-खाय का प्रसाद ग्रहण करने का सिलसिला दिनभर चला। गंगाजल से बने प्रसाद के रूप में अरवा चावल का भात, चना व कद्दू का दाल एवं अन्य पकवान परोसे गए। जिनके घर यह महाअनुष्ठान नहीं हो रहा है, वे लोग पड़ोसी या किसी संबंधी के घर जाकर पर्व में शामिल हुए।
ज्योतिषाचार्य और प्रसिद्ध कर्मकांडी आचार्य पंडित राकेश झा शास्त्री ने बताया कि ऊंच-नीच, जात-पात और संप्रदाय का भेदभाव मिटा कर सामाजिक सद्भावना को दर्शाते हुए इस पर्व का कठिन अनुष्ठान सोमवार को ‘खरना’ के साथ शुरू होगा।
इस दिन गोधूली बेला में खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जल-निराहार व्रत शुरू होगा। पवित्रता और शुद्धता के साथ मनाए जाने महापर्व में मंगलवार 13 नवम्बर को संध्या में अस्ताचल और बुधवार 14 नवम्बर को प्रात: उगते सूर्य को अध्र्यदान के बाद चार दिवसीय छठ महाअनुष्ठान का पारण किया जाएगा।
खरना पूजन का समय
सोमवार 12 नवम्बर : संध्या 05.25 से 07.38 बजे
अर्ध्यदान का समय
मंगलवार 13 नवम्बर : सूर्यास्त- 05.26 बजे
बुधवार 14 नवम्बर : सूर्योदय- 06.32 बजे
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