गृहिणी से कामयाब उद्यमी तक का सफर
घरेलू महिलाएं जिन्होंने तमाम जिम्मेदारियों और परंपराओं की चादर को पसार कर पंख बना लिए। तमाम मुश्किलों को पार कर आसमान में उड़ान भर दी और कामयाबी की दास्तान लिख दी। ऐसी ही 12 साहसी महिलाओं के जीवन की वास्तविक कहानियों का संग्रह है ‘मिलियनेयर हाउसवाइव्स: फ्रॉम होममेकर्स टु वेल्थ क्रिएटर्स’।
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संघर्ष से सफलता की कहानी है ‘मिलियनेयर हाउसवाइव्स’
ऐसी महिलाएं जिनके पास बिजनेस का कोई अनुभव नहीं था, इसके बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया और सफल उद्यम खड़ा किया। इस तरह उन्होंने रूढ़िवादी मानसिकताओं को भी तोड़ा।
हाइजीनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड की वाइस चेयरपर्सन सविता छाबड़ा उस वक्त उद्योग की दुनिया से जुड़ीं जब उनकी जिंदगी में अचानक एक दुर्घटना से भूचाल आ गया था। अंबिका पिल्लै आज दुनिया के जाने-माने हेयरस्टाइलिस्ट और मेकअप आर्टिस्टों में से एक हैं। उनकी जिंदगी में भी ऐसा वक्त आया जब उन्होंने आर्थिकरूप से सक्षम होने की सोची और तमाम बाधाओं को पार करते हुए वह ऐसा करने में कामयाब हुईं। वहीं सेलिब्रिटी शेफ नीता मेहता में गृहिणी की परंपरागत भूमिका हटकर कुछ अलग करने चाह थी। इसी मकसद के साथ उन्होंने इस दिशा में कदम बढ़ाया।
इसके अलावा वीना कुमारवेल, पैट्रीशिया नारायण, सारदा रमानी, अनसूया गुप्ता, ज्योति रेड्डी, अनुराधा पेगू, राखी वासवानी, सुंदीप भंडल, पाबीबेन राबड़ी जैसी 12 महिलाओं की प्रेरणा और संघर्ष की कहानी से जुड़ी मिलियनेयर हाउसवाइव्स उन महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो उद्यम के क्षेत्र में आना चाहती हैं।
क्या यह शुरूआत करने का सही समय है? क्या एक गृहिणी के अंदर एक अच्छे प्रबंधक के गुण होते हैं? नई भूमिका के लिए खुद को बदल पाना कितना कठिन है? क्या महिला उद्यमियों और अनुभवहीन लोगों के लिए फंडिंग एक बड़ी बाधा है? लेखिका रिंकू पॉल और पूजा सिंघल की किताब ‘मिलियनेयर हाउसवाइव्स: फ्रॉम होममेकर्स टु वेल्थ क्रिएटर्स’ ऐसे ही तमाम सवालों की व्याख्या करती है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चेयरपर्सन अरुंधती भट्टाचार्या का कहना है कि यह किताब ऐसे लोगों को जरूर पढ़नी चाहिए जो सोचते हैं कि गृहिणियों का कोई योगदान नहीं होता। वास्तविक जीवन की ये कहानियां सदियों पुराने पूर्वाग्रहों को दूर करेंगी।
एक न्यूज चैनल से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ‘मिलियनेयर हाउसवाइव्स’ की लेखिका रिंकू पॉल आज अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त लाइफ कोच और कॉरपोरेट ट्रेनर हैं। जबकि सहलेखिका पूजा सिंघल को एचआर विशेषज्ञ के तौर पर कॉरपोरेट की दुनिया का लंबा अनुभव रहा है। इन दोनों की ये दूसरी पुस्तक है। इससे पहले वे 14 निर्भीक महिलाओं के संघर्ष की कहानी ‘डेयर टु बी: 14 फियरलेस वुमेन हू गेव विंग्स टु देयर ड्रीम्स’ लिख चुकी हैं।
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