भारतीय महिलाओं में साथी के उत्पीड़न से मौत की आशंका ज्यादा
अमेरिकी महिलाओं की तुलना में अपने साथी के उत्पीड़न की शिकार भारतीय महिलाओं की मौत की आशंका लगभग 40 फीसदी अधिक होती है.
![]() (फाइल फोटो) |
मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस, अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ पीटर्सबर्ग और स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने उत्पीड़न की शिकार भारतीय और अमेरिकी महिलाओं पर मौत के जोखिम में बहुत ज्यादा अंतर पाया जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह अतंर इतना ज्यादा है कि इसकी तुलना भी नहीं की जा सकती. वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है और उनका यह भी कहना है कि उपचार में देरी भी इसका एक प्रमुख कारण है.
आंकड़ों का तुलनात्मक अध्ययन बताता है कि ऐसा हो सकता है कि उत्पीड़न की शिकार भारतीय महिलाएं तत्काल चिकित्सीय सेवा ना लें. अध्ययन में सबूतों के आधार पर कहा गया है कि भारत में उत्पीड़न की शिकार चार महिलाओं में से केवल एक ही अपने अंतरंग क्षणों के साथी की हिंसा के बाद चिकित्सीय सेवा लेती हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि अमेरिका की तुलना में भारत में प्राथमिक उपचार चिकित्सा सेवा भी उस स्तर तक विकसित नहीं है. इस वजह से कम आयवर्ग की महिलाओं को जिस उपचार की जरूरत होती है उसका खर्च वह नहीं उठा पाती.
उन्होंने कहा कि अमेरिकी महिलाओं और भारतीय महिलाओं में मौत के आंकड़ों में अंतर यह बताता है कि इसके पीछे किसी अन्य तरह की चोट या कुछ अन्य व्यवस्थागत तथ्य होते हैं.
तुलनात्मक विश्लेषण बताता है कि जख्मी होने के बाद भारतीय पुरूषों की मौत की आशंका भारतीय महिलाओं या अमेरिकी महिलाओं अथवा पुरूषों की तुलना में ज्यादा होती है. जबकि अमेरिकी पुरूषों की गिरने के कारण मौत की आशंका अमेरिकी महिलाओं की तुलना में तीन गुना अधिक होती है.
भारत में इस अध्ययन में कोलकाता, मुंबई और दिल्ली के अस्पतालों के मरीजों को शामिल किया गया था.
यह अध्ययन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल ग्लोबल हैल्थ में प्रकाशित हुआ.
| Tweet![]() |