जानें बढ़ती उम्र में खुश रहने का मूल मंत्र...

Last Updated 13 Jul 2017 03:26:37 PM IST

बुढ़ापे को खुशहाल कैसे बनाएं? इस सवाल पर हैरान होने का नहीं बल्कि इसे अपनाने का समय आ गया है.


फाइल फोटो

बुजुर्ग के लिए एक्टिव एजिंग का मूल मंत्र जानना बेहद जरूरी है ताकि उम्र के बढ़ते पड़ाव में भी वह फिट और खुश रह सकें. समय न्यूज चैनल के कार्यक्रम 'जियो हेल्दी' में डॉ प्रसून चटर्जी
(सीनियर सिटीजन स्पेशलिस्ट, जेरिएटिक्स विभाग, एम्स) ने बढ़ती उम्र में खुश रहने के लिए ये दिए कुछ टिप्स...


कैसी हो दिनचर्या   
खुद को एक्टिव बनाकर रखना चाहिए. कोई भी बीमारी हो बेड पर लेटे रहना समाधान नहीं है. आमतौर पर देखा जाता है कि 60 साल की उम्र हो जाने के बाद घर के अन्य सदस्य बुजुगरे से ‘ये मत करिए, वो मत करिए, आप आराम करिए, हम आपका काम कर देंगे’ जैसी बातें करते हैं. लेकिन यह ठीक नहीं है. वहीं विकसित देशों को देखें तो 90 साल में भी आदमी अपना सारा काम खुद करते हैं. अपना खाना खुद बनाते हैं, बाजार जाते हैं., बैंकिंग खुद करते हैं. इसे मीनिंगफुल एंगेजमेंट कहते हैं. इसी तरह हमें भी अपने बुजुगरे को सार्थक कामों में व्यस्त रखना चाहिए. सभी की व्यस्तता अलग-अलग तरह की हो सकती है. किसी के लिए पोता-पोती का ख्याल रखना, किसी के लिए गरीब बच्चों को पढ़ाना तो किसी के लिए पार्क में दोस्तों के साथ गपशप करना मीनिंगफुल एंगेजमेंट हो सकती है.

एक्टिव एजिंग होता क्या है?
फिट रहने की कोई उम्र नहीं होती. एक 70 साल का बुजुर्ग 35 साल के युवा से ज्यादा फिट हो सकता हैं. एम्स के जेरिएटिक्स विभाग के सीनियर सिटीजन स्पेशलिस्ट डॉ. प्रसून चटर्जी के मुताबिक हर कोई चाहता है कि वह मरते दम तक अपने काम खुद करे. इसके लिए अपनी दिनचर्या को सही तरीके से व्यवस्थित करना जरूरी है. इसी से तय होता है कि हम 60, 70 या 80 की उम्र में कैसे रहेंगे. युवावस्था से ही अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करें. आजकल फास्ट फूड लेना, आउटडोर गेम्स कम हो जाना, गतिशीलता में कमी आना जैसी बातों पर निर्भर करता है कि उम्र बढ़ने के साथ हम कितने एक्टिव रहेंगे.

ब्रेन को रखें एक्टिव :
बुजुर्गों के लिए अपने ब्रेन को एक्टिव रखना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए वे अखबार में सुडोकू खेल सकते हैं, कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. बैंक अकाउंट का कैल्कुलेशन या कोई गेम खेल सकते हैं. अपनी जिंदगी के अनुभव लिख सकते हैं. ब्रेन को एक्टिव रखने के ऐसे और भी तरीके आप खुद भी ढूंढ सकते हैं.



बढ़ती उम्र में करें खान-पान में बदलाव
उम्र बढ़ने के साथ स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए संतुलित आहार आवश्यक है. आम धारणा है कि काम कम हो जाए तो खाना भी कम कर देना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. उम्र बढ़ने के साथ प्रोटीन ज्यादा लेना चाहिए क्योंकि बुजुर्ग को वयस्कों से ज्यादा प्रोटीन की जरूर होती है.

मांसपेशियां प्रोटीन से ठीक रहेंगी. प्रोटीन के लिए पनीर, दाल, बादाम जैसी चीजें खानी चाहिए. मांसाहारी लोगों को अपने आहार में मुर्गा, मछली, अंडा शामिल करना चाहिए.  पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए ताकि कब्ज की समस्या ना हो. फाइबर के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने आहार में शामिल करना चाहिए. बाहर का खाना खाने से बचना और फास्ट फूड से दूरी बनाकर रखना चाहिए.

योग और व्यायाम है जरूरी

  • योग और व्यायाम आपको बढ़ती उम्र में एक्टिव रखता है. व्यायाम अगर 60 साल की उम्र में भी शुरू करें तो भी उसका फायदा है कि आप 80 साल की उम्र में एक्टिव रह सकते हैं.
  • बुजुर्ग घर बैठे ही योग कर सकते हैं, मेडिटेशन कर सकते हैं.
  • बुजुर्ग को वॉक करनी चाहिए लेकिन दौड़ना और ब्रिस्क वॉकिंग (तेज चलना) नहीं करना चाहिए. इसके अलावा बुजुर्ग के लिए स्वीमिंग बहुतबढ़िया एक्सरसाइज है.
     
  • इन बातों का भी ध्यान रखें 
  • बुजुर्ग को निमोनिया और फ्लू का टीकाकरण भी कराना चाहिए. 80 साल की उम्र के बाद भी निमोनिया का टीका एक बार लगवाना चाहिए.
  • कैल्शियम, विटामिन डी जरूर लेना चाहिए. धूप में भी बैठना चाहिए.
  • आपकी इच्छाशक्ति मजबूत है तो आपको फिट रहने से कोई नहीं रोक सकता.   

 

समयलाइव डेस्क


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