HIV पर वैज्ञानिकों का नया प्रयोग, डीएनए से होगा इलाज!
आज दुनियाभर में एचआईवी महामारी की तरह फैलता जा रहा है. इसी को देखते हुए अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एचआईवी से बचाने के लिए टीकाकरण का विलक्षण प्रयोग किया है.
HIV पर भारी पड़ेगा डीएनए (फाइल फोटो) |
कैलिफोर्निया के \'स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट\' में शोधकर्ताओं ने बंदरों के डीएनए में बदलाव कर उनमें एचआईवी से लड़ने वाली विशेषताएं डालीं हैं.
शोधकर्ताओं ने इसे \'एक बड़ी बात\' बताया और कहा कि वो जल्द ही इंसानों पर प्रयोग शुरू करना चाहते हैं. सफलता के करीब इस तकनीक में जीन थेरेपी का इस्तेमाल कर स्वस्थ कोशिका में डीएनए का एक नया खंड डाला जाता है.
इसमें एचआईवी को प्रभावहीन करने वाले उपाय तैयार करने के निर्देश होते हैं, जो लगातार रक्तप्रवाह में डाले जाते हैं. \'जर्नल नेचर\' में छपे इस प्रयोग के अनुसार बंदरों को कम से कम 34 हफ्ते तक हर प्रकार के एचआईवी से बचाया जा सका.
शोधकर्ताओं को लगता है कि इसका इस्तेमाल वर्तमान में एचआईवी ग्रस्त लोगों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है.
मुख्य शोधकर्ता प्रो. माइकल फरजान ने बताया, \'अब भी कई बाधाएं हैं. मुख्यत: इसे सुरक्षा के साथ बहुत से लोगों तक पहुंचाना है\'.
एचआईवी वैक्सीन इसलिए सफल नहीं हो पा रहीं क्योंकि इसका विषाणु बहुत तेजी से बदलता है और लगातार लक्ष्य बदलता रहता है. शोधकर्ता उन मरीजों में इसके परीक्षण करना चाहते हैं जिन्हें एचआईवी है और वो पारंपरिक दवाओं का उपचार अगले साल के अंदर लेने में सक्षम नहीं हैं.
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