Nepal Crisis: नेपाल में अंतरिम PM के नाम पर नहीं बन रही सहमति, आर्मी और Gen-Z की बातचीत जारी
नेपाल में केपी ओली सरकार गिरने के बाद नई अंतरिम सरकार बनाने की कोशिश जारी है। जेन ज़ी समूह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और दो अन्य के नाम पर अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए विचार कर रहा है।
![]() नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन पर बातचीत, |
नेपाल में प्रदर्शनकारी ‘जेन ज़ी’ समूह के प्रतिनिधि गुरूवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के साथ भद्रकाली स्थित सेना मुख्यालय में अंतरिम सरकार के नेता का नाम तय करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी जेन ज़ी समूह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और दो अन्य के नाम पर अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए विचार कर रहा है।
अंतरिम नेता प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की जगह लेंगे, जिन्होंने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।
सेना के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया।
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं। बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है।’’
बैठक के दौरान सेना मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा बेसब्री से फैसला सुनने का इंतजार करते दिखे।
बुधवार को भी इसी तरह की एक बैठक हुई थी, लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक का उद्देश्य मौजूदा राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकलने का रास्ता खोजना है, जिसमें एक कार्यवाहक नेता को नामित करना और आगे की रूपरेखा तैयार करना शामिल है।
सूत्रों ने कहा, ‘‘नया शासन प्रमुख वह होगा जो एक निश्चित समय सीमा के भीतर नए चुनाव कराएगा।’’
कार्की और शाह के अलावा, विचाराधीन अन्य दो नाम नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व सीईओ कुलमान घीसिंग और धरान के मेयर हरका संपांग हैं।
हालांकि सूत्रों ने बताया कि मेयर शाह ने कार्की के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नए मंत्रिमंडल का नेतृत्व कौन करेगा। जेन ज़ी समूह के एक वर्ग में उनके नाम को लेकर संशय है।
नेपाल में राजनीतिक संकट तब पैदा हो गया जब मंगलवार को भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच ओली ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद नेपाल की सेना ने कानून-व्यवस्था संभाल ली।
इस बीच, काठमांडू के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे प्रमुख दलों के छात्रों के एक छोटे समूह ने कहा है कि नई सरकार बनाते समय संविधान की रक्षा की जानी चाहिए और लोकतंत्र एवं मानवाधिकारों का संरक्षण किया जाना चाहिए।
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