Nepal Protest: नेपाल में हिंसक हुए प्रदर्शन के बाद सेना ने संभाली सुरक्षा की कमान, आर्मी चीफ ने की शांति अपील

Last Updated 10 Sep 2025 10:33:02 AM IST

नेपाल में सरकार विरोधी जबर्दस्त प्रदर्शनों के दौरान मंगलवार को कई शीर्ष नेताओं के घरों पर हमला किये जाने और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद देश में राजनीतिक संकट गहरा गया है।


नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बुधवार सुबह से ही सेना के जवान प्रतिबंध के आदेश लागू करने और शांति बहाल करने के लिए काठमांडू और अन्य शहरों में तैनात हो गए। इस प्रदर्शन के कारण के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है।

सेना प्रमुख ने कहा, “हमें वर्तमान कठिन स्थिति को सामान्य बनाने और आम लोगों व राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।”

नेपाल सेना मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने लूटपाट और तोड़फोड़ सहित किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अपने सैनिकों को तैनात किया है।’’ उन्होंने बताया कि प्राधिकारियों ने निवासियों को यह आदेश भी जारी किया है कि वे ‘‘अत्यंत आवश्यक’’ न होने तक घर के अंदर ही रहें, ताकि आगे अशांति को रोका जा सके।

सुबह से ही काठमांडू की आम तौर पर चहल-पहल वाली सड़कें वीरान दिखीं। कुछ ही लोग घरों से बाहर निकले और वो भी खासकर रोज़मर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए।

सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों की कड़ी गश्त है और मंगलवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा सरकारी और निजी इमारतों में लगा दी गई आग को बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां देखी गईं।

प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी।

इससे पहले मंगलवार रात 10 बजे पूरे देश के सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली नेपाली सेना ने ओली के पद छोड़ने के घंटों बाद भी जारी अशांति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर शहरों समेत देश भर के कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिए हैं।

सेना ने एक बयान में कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की, जो ‘‘कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं’’ और ‘‘आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं।’’

इस बीच नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बावजूद मंगलवार को लगातार दूसरे दिन जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की।

टेलीविजन के जरिये राष्ट्र के नाम संबोधन में जनरल सिगडेल ने कहा, “हम प्रदर्शनकारी समूह से अपील करते हैं कि वह विरोध प्रदर्शन रोकें और शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से बातचीत के लिए आगे आएं।”


भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को ‘जेन-जी’ द्वारा किए गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में कम से कम 19 लोगों की मौत के बाद सैकड़ों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग को लेकर उनके कार्यालय में घुस गए थे जिसके तुरंत बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। सोशल मीडिया पर प्रतिबंध सोमवार रात हटा लिया गया था।

गौरतलब है कि सोशल मीडि़या मंचों पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को शुरू हुए विरोध प्रदर्शन ने मंगलवार को जोर पकड़़ लिया तथा प्रदर्शनकारियों ने देश के सभी प्रमुख शहरों और कस्बों में सरकार विरोधी मार्च निकाले। विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर काठमांड़ो के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्ड़े पर उड़़ान सेवाएं आंशिक रूप से निलंबित कर दी गई। हालात तेजी से बिगड़़ने पर‚ नेपाली सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों ने एक संयुक्त अपील जारी कर संयम बरतने और बातचीत के जरिए संकट का समाधान निकालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा‚ चूंकि राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री (ओली) का इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर लिया गया है‚ इसलिए हम सभी से संयम बरतने और इस कठिन परिस्थिति में जान–माल को और नुकसान न होने देने की अपील करते हैं।

उन्होंने कहा‚ बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान ही व्यवस्था और स्थिरता बहाल करने का एकमात्र तरीका है। बयान पर नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगदेल‚ मुख्य सचिव नारायण आर्यल‚ गृह सचिव गोकर्ण दावड़ी‚ सशस्त्र पुलिस बल के प्रमुख राजू आर्यल‚ पुलिस महानिरीक्षक चंद्र कुबेर खापुंग और राष्ट्रीय जांच विभाग के प्रमुख हुतराज थापा ने हस्ताक्षर किये हैं॥।

इस बीच‚ नेपाली सेना ने प्रदर्शनकारियों से शांत रहने और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने का आग्रह किया तथा देश की स्वतंत्रता‚ संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंड़ता की रक्षा करने का संकल्प लिया। सेना ने कहा‚ हम ‘जेन ज़ी' के आंदोलन के नवीनतम घटनाक्रम का विश्लेषण कर रहे हैं। नेपाली सेना हमेशा नेपाल के लोगों के हितों और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और नवीनतम घटनाक्रमों को ध्यान में रखते हुए‚ हम लोगों के जान–माल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।

सभी युवाओं और पूरे देशवासियों से अनुरोध है कि वे शांत रहें और सामाजिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता बनाए रखें‚ ताकि हालात और न बिगड़़े। इस गंभीर स्थिति में देश की ऐतिहासिक‚ सांस्कृतिक‚ पुरातात्विक और राष्ट्रीय संपत्तियों का संरक्षण और सुरक्षा करना सभी नेपालियों का कर्तव्य है।

ओली ने सैकड़़ों प्रदर्शनकारियों के उनके कार्यालय में घुसने और नारेबाजी करने के कुछ ही देर बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्रवाई में १९ लोगों की मौत होने और बड़़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के बावजूद ‘हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने' को लेकर ओली के इस्तीफे की मांग की थी। हालांकि‚ नेपाल सरकार ने ‘जेन ज़ी' युवाओं के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद सोमवार रात सोशल मीडि़या वेबसाइटों पर से प्रतिबंध हटा लिया‚ लेकिन प्रदर्शनकारियों ने भ्रष्टाचार और १९ लोगों की मौत की जवाबदेही तय करने की मांग को लेकर अपना प्रदर्शन जारी रखा है।

‘जेन ज़ी' वे युवा हैं जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ। ‘जेन ज़ी' के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों में ‘केपी चोर‚ देश छोड़़ो' और ‘भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करो' जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने काठमांड़ू के नायकाप स्थित पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक के आवास को भी आग लगा दी। यह घटना उनके पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद हुई। काठमांड़ू के कलंकी‚ कालीमाटी‚ तहाचल और काठमांड़ो में बनेश्वर के साथ–साथ ललितपुर जिले के च्यासल‚ चापागौ और थेचो इलाकों से भी प्रदर्शनों की खबरें हैं।

भाषा
काठमांडू


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